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Nitish Kumar Oath Ceremony: शपथ ग्रहण के दौरान नीतीश कुमार क्या पढ़ेंगे? यहां जानें एक-एक डिटेल

Nitish Kumar Oath Ceremony: बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद अब सरकार गठन की कार्रवाई लगभग पूरी हो गई है. अब जानकारी सामने आ रही है कि कल यानी गुरुवार (20 नवंबर, 2025) को नीतीश कुमार शपथ लेंगे.

By: Sohail Rahman | Published: November 19, 2025 4:25:41 PM IST



Nitish Kumar Oath Ceremony: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब सरकार गठन की कवायद शुरू हो गई है. इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि बिहार में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह कल यानी गुरुवार (20 नवंबर, 2025) को शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है. इसको लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस बीच नीतिश कुमार और सम्राट चौधरी ने गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह को लेकर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया. अब तय है कि नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे.

शपथ में क्या पढ़ा जाता है? (What is read in the oath?)

ऐसे में अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर मुख्यमंत्री और मंत्री लोग अपने शपथ ग्रहण में क्या पढ़ते हैं? अगर आपको नहीं पता तो चलिए आपको बताते हैं. जैसा कि आप सभी को पता होगा कि शपथ दिलाते समय राज्यपाल सबसे पहले शब्द बोलते हैं, उसके बाद मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मंत्री बोलते हैं. आपने देखा और सुना होगा कि वे राज्य की रक्षा के लिए दो बार शपथ लेते हैं.

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नीतीश कुमार क्या लेंगे शपथ? (What oath will Nitish Kumar take?)

नीतीश कुमार जब मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे तो राज्यपाल सबसे पहले कहेंगे मैं… और फिर उसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शपथ पूरी करेंगे. शपथ लेते हुए नीतीश कुमार कहेंगे मैं, नीतीश कुमार…, ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा. मैं भारत की संप्रभुता और अखंडता को अक्षुण्ण रखूंगा. मैं बिहार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक और कर्तव्यनिष्ठा से निर्वहन करूंगा और संविधान और कानून के अनुसार बिना किसी भय, पक्षपात, स्नेह या द्वेष के सभी व्यक्तियों को न्याय प्रदान करूंगा.

शब्दशः शपथ (verbatim oath)

उसके बाद राज्यपाल पुन कहेंगे. “मैं” और फिर नीतीश कुमार कहेंगे, मैं, नीतीश कुमार… ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई भी ऐसा विषय संप्रेषित या प्रकट नहीं करूंगा जो मेरे विचारार्थ लाया जाएगा या बिहार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में मुझे ज्ञात होगा, सिवाय इसके कि जब मंत्री के रूप में मेरे कर्तव्यों के समुचित निर्वहन हेतु ऐसा करना आवश्यक हो.

इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक संवैधानिक परिपत्र पर हस्ताक्षर करेंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसे राज्यपाल द्वारा सुरक्षित रखा जाता है. इसे सदैव राज्यपाल के पास सुरक्षित रखा जाता है.

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