Bihar Chunav 2025: बसपा सुप्रीमो मायावती ने बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। मायावती ने बिहार चुनाव की ज़िम्मेदारी अपने भतीजे आकाश आनंद को सौंपी है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही मायावती ने आकाश आनंद को बसपा का राष्ट्रीय समन्वयक बनाया था, जिसके बाद अब उन्हें बिहार चुनाव की ज़िम्मेदारी दी गई है। आकाश आनंद के साथ केंद्रीय समन्वयक और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम पार्टी और बिहार प्रदेश इकाई की कमान संभालेंगे।
दो दिनों तक समीक्षा की गई
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में लिखा, “वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ पिछले दो दिनों की बैठक में, बिहार विधानसभा के अगले कुछ महीनों में होने वाले आम चुनावों के लिए बसपा उम्मीदवारों के चयन समेत पार्टी के हर स्तर पर तैयारियों पर गहन चर्चा और समीक्षा हुई। इस दरम्यान, अपने बलबूते इलेक्शन लड़ने के निणय के मद्देनज़र, आने वाले दिनों में पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा को भी अंतिम रूप दिया गया।”
आकाश आनंद को सौंपी गई ज़िम्मेदारी
मायावती ने पोस्ट में लिखा, “बैठक में पार्टी पदाधिकारियों को बताई गई कमियों को दूर कर पूरी तत्परता और तन-मन-धन से आगे बढ़ने के निर्देश दिए गए। साथ ही, उन्हें अगले महीने की शुरुआत से शुरू होने वाली पार्टी की यात्रा और जनसभाओं आदि कार्यक्रमों के संबंध में विशेष ज़िम्मेदारी भी दी गई। ये सभी कार्यक्रम बसपा पार्टी प्रमुख यानी मेरे मार्गदर्शन में होंगे। इसकी विशेष ज़िम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद और केंद्रीय समन्वयक एवं राज्यसभा सांसद रामजी गौतम तथा बसपा बिहार प्रदेश इकाई को दी गई है।”
विधानसभा सीटें तीन ज़ोन में विभाजित
उन्होंने आगे लिखा, “बिहार एक बड़ा राज्य है, इसलिए वहाँ की वर्तमान ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए, बैठक में राज्य की सभी विधानसभा सीटों को तीन ज़ोन में विभाजित करने और वरिष्ठ पार्टी सदस्यों को अलग-अलग ज़िम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया गया। बिहार में पार्टी की अपनी तैयारियों के साथ-साथ, राज्य की तेज़ी से बदलती राजनीतिक परिस्थितियों और चुनावी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए, बसपा ने बैठक में पार्टी प्रमुख को आश्वस्त किया कि वह चुनावों में बेहतर परिणाम लाएगी।”
अन्य राज्यों की भी समीक्षा की गई
अंत में, मायावती ने लिखा, “गौरतलब है कि इससे पहले, पार्टी प्रमुख ने स्वयं उड़ीसा और तेलंगाना राज्यों में पार्टी संगठन की तैयारियों और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ज़िले से लेकर मतदान केंद्र स्तर तक समितियों के गठन के साथ-साथ पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए मिशनरी कार्यों के लिए दिए गए लक्ष्यों के संबंध में अलग-अलग समीक्षा बैठकें की थीं।”
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