Bihar election: बिहार का चुनावी माहौल दिन प्रतिदिन गर्माता ही जा रहा है बात करते हैं ऐसी विधानसभा के बारे में जो एक इस चुनाव में के महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. तरारी विधानसभा सीट बिहार के भोजपुर जिले में आती है. जिले में कुल सात विधानसभा क्षेत्र हैं संदेश, बड़हरा, आरा, अगिआंव (एससी), तरारी, जगदीशपुर और शाहपुर. इनमें तरारी सीट का गठन साल 2010 में हुआ था, जब इसे पहली बार विधानसभा चुनाव के लिए आरक्षित किया गया. बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की हलचल तेज हो चुकी है. इस बीच भोजपुर जिले की तरारी विधानसभा सीट एक बार फिर से राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गई है. जहां 2024 के उपचुनाव में भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की, वहीं अब 2025 के चुनाव में मुकाबला और दिलचस्प हो गया है.
राजनीतिक इतिहास; 2010 से 2024 तक
तरारी विधानसभा सीट पर अब तक चार बार चुनाव हो चुके हैं और हर बार सत्ता का समीकरण कुछ नया देखने को मिला है कमाल है की 2010 जदयू की पहली जीत फिर बाद में तरारी सीट पर पहली बार चुनाव 2010 में हुआ. इस चुनाव में जदयू के नरेंद्र कुमार ने राजद के अदीब रिजवी को 14,320 वोटों से हराकर सीट पर कब्जा किया.
नरेंद्र कुमार (जदयू): 48,413 वोट
अदीब रिजवी (राजद): 34,093 वोट
2015 का चुनाव बेहद रोमांचक रहा.
भाकपा (माले) के सुदामा प्रसाद ने लोजपा की गीता पांडे को केवल 272 वोटों से हराकर सीट जीत ली. सुदामा प्रसाद (भाकपा-माले): 44,050 वोट और वहीं गीता पांडे (लोजपा): 43,778 वोट उसके बाद सुदामा प्रसाद ने 2020 में फिर से जीत दर्ज की. इस बार उन्होंने निर्दलीय नरेंद्र पांडे को 11,015 वोटों से हराया.
सुदामा प्रसाद: 73,945 वोट
नरेंद्र पांडे (निर्दलीय): 62,930 वोट
2024 उपचुनाव: भाजपा की पहली जीत
सुदामा प्रसाद के लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद तरारी सीट पर उपचुनाव हुआ. इस बार भाजपा ने विशाल प्रशांत को मैदान में उतारा और उन्होंने भाकपा-माले के राजू यादव को हराकर सीट जीत ली. विशाल प्रशांत (भाजपा): 78,564 वोट और वहीं राजू यादव (भाकपा-माले): 68,057 वोट तकरीबन जीत का अंतर10,507 वोट का था.
2025: मुकाबले में कौन-कौन?
तरारी सीट पर इस बार कुल 15 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. पहले चरण में यहां मतदान होगा. प्रमुख उम्मीदवारों की बात करें तो विशाल प्रशांत (भाजपा) वर्तमान विधायक और दोबारा मैदान में उपस्थित, मदन सिंह (भाकपा-माले) और महागठबंधन के उम्मीदवार चंद्रशेखर सिंह (जनसुराज पार्टी) नए चेहरे के तौर पर चुनाव लड़ रहे. इस बार सिकंदर कुमार (जनशक्ति जनता दल) तेज प्रताप यादव की पार्टी से उम्मीदवार हैं,तरारी में इस बार बहुकोणीय मुकाबला है और छोटे दलों की मौजूदगी भी समीकरण बिगाड़ सकती है.
क्या कहते हैं समीकरण?
तरारी विधानसभा क्षेत्र की खास बात यह है कि यहां हर चुनाव में मतदाता नया रुख अपनाते आए हैं. 2010 में जदयू, 2015 और 2020 में भाकपा-माले और अब 2024 में भाजपा की जीत से साफ है कि यहां के वोटर बहुत सोच-समझकर फैसला लेते हैं.भाकपा-माले के पास अभी भी एक मजबूत जनाधार है, लेकिन भाजपा की बढ़ती पकड़ को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. ऐसे में 2025 का चुनाव इस बात पर निर्भर करेगा कि कौन अपने मुद्दों को जनता तक बेहतर ढंग से पहुंचा पाता है.
नतीजा क्या होगा?
ऐसा माना जा रहा है की तरारी सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं. भाजपा और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है, लेकिन छोटे दलों के प्रत्याशी भी समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं. अब देखना होगा कि इस बार मतदाता किसे मौका देते हैं.

