Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लिए एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. मुजफ्फरपुर की कुढ़नी सीट से पूर्व विधायक और पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल सहनी बुधवार को राजद छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गया है. यह चुनाव से पहले राजद सुप्रीमो लालू यादव और युवा नेता तेजस्वी यादव के लिए एक बड़ा झटका है. खासकर तब जब पार्टी ने सहनी को आगामी चुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया था.
अनिल सहनी ने अचानक राजद क्यों छोड़ा?
अनिल सहनी का राजद छोड़ने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया था. उन्होंने राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल को अपना इस्ताफा भेजा और बिना देर किए पटना में भाजपा शामिल हो गया है. सहनी का यह कदम ऐसे समय में आया है जब सभी दल चुनाव की तैयारी में व्यस्त है.
अनिल सहनी भाजपा में शामिल
अनिल सहनी पटना के मीडिया सेंटर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में पार्टी में शामिल हुआ है. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राज्य चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे. अनिल सहनी के साथ पूर्व विधायक आशा देवी भी भाजपा में शामिल हो गई है. जिससे पार्टी की ताकत और बढ़ गई है.
सहनी की विधानसभा सदस्यता क्यों समाप्त की गई?
अनिल सहनी पहले कुढ़नी सीट से राजद विधायक थे. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता को हराया था. हालांकि दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) घोटाले में दोषी ठहराया और दो साल की जेल की सजा सुनाई. इस सजा के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई. अदालत ने उन पर तीन साल तक चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. अनिल सहनी के इस्तीफे के बाद भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता ने 2022 के उपचुनाव में राजद से यह सीट वापस छीन ली.
अनिल सहनी का राजद छोड़कर भाजपा में शामिल होना चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत है. यह घटनाक्रम आगामी चुनावों में सीटों के बंटवारे और राजद की रणनीति को प्रभावित कर सकता है.

