Home > Chunav > बिहार में ऑनलाइन कट्टे की डिलीवरी, कोडवर्ड में होती है खरीद-ब्रिकी, चुनाव में बढ़ी डिमांड, क्या रह गया सुशासन बाबू और ‘जंगलराज’ की सरकार में अंतर?

बिहार में ऑनलाइन कट्टे की डिलीवरी, कोडवर्ड में होती है खरीद-ब्रिकी, चुनाव में बढ़ी डिमांड, क्या रह गया सुशासन बाबू और ‘जंगलराज’ की सरकार में अंतर?

Bihar Election 2025: 14 नवंबर को साफ हो जाएगा कि बिहार में किसकी सरकार बनेगी. बिहार चुनाव में कट्टे को लेकर खूब चर्चा हुआ. अब एक रिपोर्ट में बिहार में पिस्टल के धंधे का बड़ा खुलासा हुआ है.

By: Divyanshi Singh | Last Updated: November 10, 2025 11:52:05 AM IST



Bihar Election 2025: 14 नवंबर को साफ हो जाएगा कि बिहार में किसकी सरकार बनेगी. एक बार फिर सुशासन बाबू आने जा रहे हैं या बिहार में बदलाव आने वाला है. इस बार के बिहार चुनाव में कट्टे को लेकर NDA ने खूब चर्चा किया. बता दें कि कट्‌टे वाली सरकार का जिक्र नरेंद्र मोदी ने बिहार में अपनी सभी चुनावी रैलियों में किया. उन्होने कहा कि बिहार को कट्‌टे वाली सरकार नहीं चाहिए. इसी बीच दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में सुशासन बाबू की सरकार में बिहार में पिस्टल के धंधे का बड़ा खुलासा हुआ है.

भास्कर की इन्वेस्टिगेशन टीम ने 15 दिनों में 20 से ज़्यादा शहरों की पड़ताल की और पिस्टल के धंधे में शामिल एजेंटों का पर्दाफ़ाश किया. एजेंटों ने कैमरे के सामने 1,800 कट्टे की डील तय की. इस दौरान एजेंटों ने दावा किया कि कट्‌टे किसी भी ज़िले में कट्‌टे की डिलीवरी हो जाएगी.

पहले डील करने से किया इनकार

मुजफ्फरपुर से शुरू इस पड़ताल में पहले पुलिस की सख्ती बताकर एजेंट ने बिना पहचान के डील करने से इनकार कर दिया. इसके बाद बताया गया कि चुनाव के कारण नेपाल बॉर्डर पर सख्ती चल रही है. यूपी बॉर्डर पर असलहों का कारोबार हो रहा है. एजेंट से पूर्वी चंपारण जिलें के कई एजेंट्स का कॉन्टैक्ट नंबर मिलने के बाद टीम पश्चिमी चंपारण पहुंची. काफी छानबीन के बाद एजेंट का नंबर तो मिला लेकिन वो मिलने को तैयार नहीं हुआ, 2 दिन तक लगातार बात-चीत के बाद वह मिलने को तैयार हुआ. जिसके बाद उसने पूरी डील की. 

चुनाव में बढ़ी कट्टे की डिमांड

इस दौरान उसने कहा कि चुनाव में बहुत डिमांड है, आपको पहले आना चाहिए था. उसने बताया कि अभी उसके पास माल नहीं है सब बिक गया है, लेकिन उसका भतीजा इस नए डिमांड को पूरी कर देगा.इस दौरान एजेंट ने ये भी बताया कि मुर्गहवा गांव में हथियार मनमाफिक मिल जाएंगे, यूपी के लोग वहां से सामान लेकर आते हैं. वहां कट्टे को साथ हाईटेक हथियार मिलते हैं. एजेंट ने खिड़कियां के बारे में भी बताया उसने कहा कि वहां जितने चाहिएगा उतने हथियार मिल जाएंगे.एजेंट ने वहां ज्यादा देर रूकने से भी मना किया उसने कहा कि ज्यादा देर रूके तो पुलिस को शक हो जएगा. और आपके साथ हम भी पकड़े जाएंगे. उसने ये भी बताया कि यहां काम करना काफी रिस्की होता है.

कट्‌टे से लेकर 9 MM पिस्टल तक की डील

जिसके बाद टीम ने नंदलाल के भतीजे भुआल से संपर्क किया. दो दिनों तक लगातार फोन करने के बाद भुआल ने टीम को फोन करने बाद उसने मिलने के लिए बुलाया. लेकिन कट्टा देने को राजी नहीं हुआ. कई धंटे बातचीत करने के बाद वह सप्लाई चेन और रेट के बारे में बताया. पहले उसने माल ना होने की बात बताई लेकिन जब उसे भरोषा हो गया तब उसने हथियार दिखाया. उसने ये भी बताया कि चुनाव में ऑर्डर का काम पूरा नहीं हो पा रहा है. जब उसे भरोषा को हो गया तो वह हथियार देने को तैयार हो गया. इसके बाद उसने कट्‌टे से लेकर सिक्सर और 9 MM पिस्टल तक की डील करने लगा.

पुलिस से सेटिंग!

उसने हथियार की दाम 50 हजार रुपये बताया. इस दैरान उसने बताया कि उसकी पुलिस से सेटिंग है. उसने बताया कि पुलिस से सेटिंग के बिना धंधा नहीं चलता. सामान का दाम भी इसलिए ही महंगा है. उसने डिमांड पूरी करने के लिए इस दौरान 3 और  सप्लायर को फोन लगाया. इस दौरान वो कट्टे को ‘किताब’ बताकर बात कर रहा था. भुआल ने कई जगह फोन करने के बाद असलहों की बड़ी खेप सप्लाई करने को तैयार हो गया. उसने कहा, जैसा चाहेंगे वैसा मिल जाएगा, लेकिन आपको सप्लायर के आदमी को डिलीवरी चार्ज तो देना ही होगा.

कट्‌टे की गारंटी

भुआल ने डील के दौरान कई बड़े खुलासे किए. कट्‌टे की नली की गारंटी के लिए उसने कहा, ट्रैक्टर की स्टेयरिंग रॉड जिसे मिस्त्री टाई रॉड बोलते हैं. यह कभी फटता ही नहीं, एक पुरानी ट्रैक्टर कंपनी है जिसकी रॉड हम लगाते हैं. यह 10 फायर लगातार करने के बाद भी न फटेगा और न ही ज्यादा गर्म होगा.

कोडवर्ड में होता है डील

उसने इस दौरान कोडवर्ड के बारे में भी बात की. उसने कहा कि उसने कहा कि फोन पर कोड बोलिएगा नहीं तो मैं फोन पर कोई बात नहीं करुंगा. भुआल ने एक-एक कर पूरा कोड समझाया. उसने कहा कि हम लोगों को हमेशा बचाकर ही काम करना होता है. उसे कहा कि कोर्डवर्ड में हथियार को  कल और चापाकल बोलना है. एजेंट ने दावा किया कि ह 10 साल से हथियार बना रहा है. उसने बताया कि जब सेटिंग नहीं होगी तो पकड़ ही लेगी. 10 साल से काम कर रहे हैं तो सेटिंग तो होगी ही.

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