Bihar Vidhan Sabha Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पीके ने कहा कि सूरत की घटना बिहार चुनाव में भी दोहराई गई है. जिस तरह बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के दौरान सभी विपक्षी उम्मीदवारों को सूरत में बैठाया था, उसी तरह बिहार की तीन सीटों पर जन सुराज पार्टी के उम्मीदवारों पर चुनाव न लड़ने का दबाव बनाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि दानापुर, गोपालगंज और ब्रह्मपुर में गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य भाजपा नेताओं ने जनसुराज पार्टी के उम्मीदवारों पर नामांकन न दाखिल करने या वापस लेने का दबाव बनाया.
प्रशांत किशोर ने लगाया आरोप (Prashant Kishor made the allegation)
प्रशांत किशोर ने मंगलवार (21 अक्टूबर, 2025) को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा के शीर्ष नेताओं पर जन सुराज पार्टी के उम्मीदवारों को खुलेआम धमकाने और उन्हें घर पर ही रहने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया. उन्होंने आगे कहा कि दानापुर से जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार अखिलेश कुमार उर्फ मुटुर साव के अपहरण की खबर आई थी. हालांकि, उनका अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि अमित शाह और भाजपा नेताओं ने मुटुर साव को धमकाया और उन्हें नामांकन दाखिल करने से रोका. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने मीडिया को गृह मंत्री के साथ मुटुर की मुलाकात की एक तस्वीर भी दिखाई.
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प्रशांत किशोर ने भाजपा पर सबूत के साथ लगाए आरोप (Prashant Kishor accuses BJP with evidence)
इसी तरह, प्रशांत किशोर ने बक्सर जिले की ब्रह्मपुर विधानसभा सीट से जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार डॉ. सत्यप्रकाश तिवारी पर भाजपा नेताओं द्वारा दबाव बनाने का आरोप लगाया. पीके ने तिवारी के घर पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य भाजपा नेताओं के साथ हुई बैठक की एक तस्वीर भी दिखाई. सत्यप्रकाश तिवारी ने ब्रह्मपुर सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया. प्रशांत किशोर ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि गोपालगंज के जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार और बड़े डॉक्टर शशि शेखर सिन्हा पर भी एक स्थानीय भाजपा एमएलसी और अन्य नेताओं द्वारा दबाव डाला गया था.
अमित शाह पर लोकतंत्र को कुचलने का लगाया आरोप (Amit Shah accused of crushing democracy)
दो दिन पहले तक वह जनसुराज के लिए प्रचार कर रहे थे, लेकिन सोमवार को उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया और अपना फोन बंद कर दिया. इसके तुरंत बाद भाजपा ने पार्टी नेताओं के साथ उनकी बैठक की एक तस्वीर जारी की. प्रशांत किशोर ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान गुजरात के सूरत में जो हुआ, वही बिहार चुनाव में दोहराया जा रहा है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के शीर्ष नेताओं पर लोकतंत्र को कुचलने का आरोप लगाया. प्रशांत किशोर ने स्थानीय जदयू नेताओं पर वाल्मीकिनगर सीट से जनसुराज उम्मीदवार दृग नारायण प्रसाद पर दबाव बनाने का भी आरोप लगाया.
जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के आरोपों पर भाजपा की तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं आया है. हालांकि, इसमें कितनी सच्चाई है ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा.
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