Bihar Chunav Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के तहत राज्य की सभी 243 सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है. अब सभी को नतीजों का इंतजार है. तमाम एजेंसियों और टीवी चैनलों के एग्जिट पोल में बिहार में एक बार फिर से नीतीश कुमार वापसी करते दिख रहे हैं. भले ही एक-दो को छोड़कर सभी एग्जिट पोल बिहार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को जिता रहे हैं, लेकिन राजनीति की राह आसान नहीं है. इसके पीछे वजह यह है कि बिहार चुनाव को लेकर एग्जिट पोल बहुत कम सही साबित हुए हैं.
क्या गेम चेंजर साबित होगी जीविका दीदी योजना?
यहां पर बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई सालों से बिहार में महिलाओं के लिए लोकलुभावनी योजनाएं चला रहे हैं. जीविका दीदी योजना के तहत बिहार की 1.5 करोड़ महिलाओं को 10 हजार रुपये दिए जा चुके हैं. क्या बिहार चुनाव 2025 में गेमचेंजर साबित होगी? इस सवाल पर मतगणना से पहले राजनीति के जानकार सहमत नहीं हैं. हालांकि, ज्यादातर राजनीतिज्ञ विशेषज्ञ इससे सहमत नजर आते हैं. वहीं, महागबंधन में सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने इसका तोड़ निकालते हुए वोटिंग से महज दो दिन पहले तेजस्वी ने मां-बहिन योजना के तहत महिलाओं को एकमुश्त 30 हजार देने का वादा कर दिया. वहीं, कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार की जीविका दीदी योजना तेजस्वी की मां-बहिन योजना की तुलना में अधिक प्रभावी होगी.
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क्या लोकलुभावनी योजना के चलते हुए बंपर वोटिंग?
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में नीतीश सरकार चुनाव से पहले पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये की किस्त महिलाएं हासिल भी कर चुकी हैं. बताया जा रहा है कि नीतीश की योजनाओं के चलते बिहार में बंपर वोटिंग हुई है और इतिहास रचा गया है. आंकड़ा साफ बता रहा है कि बिहार में संपन्न विधानसभा चुनाव में कुल 66.91 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इनमें से महिलाओं ने पुरूषों की तुलना में अधिक मतदान किया. भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, बिहार की सभी 243 सीटों पर 66.91 प्रतिशत मतदान हुआ. इसमें 62.8 प्रतिशत पुरुषों ने जबकि 71.6 फीसदी महिलाओं ने वोटिंग की. आंकड़े साफ-साफ बता रहे हैं कि मतदान में महिलाओं की भागीदारी अधिक रही और पुरुषों की अपेक्षा करीब 8.8 प्रतिशत अधिक महिलाओं ने इन चुनाव में मतदान किया.
सिर्फ नीतीश के लिए ही महिलाओं ने नहीं किया वोट
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, 10,000 रुपये पाने वाली सभी महिलाओं ने नीतीश के पक्ष में वोट नहीं हो, यह 100 प्रतिशत संभव नहीं है. बिहार में अन्य मुद्दे भी थे, जिन पर वोटिंग हुई है. बिहार में भले ही शराबबंदी है, लेकिन अवैध बिक्री जारी है. इसमें 5 साल के दौरान सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, 10,000 रुपये पाने वाली महिलाएं जाति और धर्म से भी बंधी हैं. इसके अलावा वह यह भी सोच रही हैं कि 10,000 रुपया एक चुनावी जुमला हो सकता है. हो सकता है आगे नहीं मिले. इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने सरकार बनने के बाद मकर संक्रांति 2025 के दिन 14 जनवरी को 30000 रुपये देने का वादा किया है. अगर कुछ महिलाओं ने यह गणित लगाया और तेजस्वी को वोट दिया है तो नीतीश सत्ता से दूर रह सकते हैं.
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