Bihar Cabinet Women Representation: बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Government) सरकार का गठन हो गया है. बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में गुरुवार (20 नवंबर, 2025) आयोजित भव्य समारोह में नीतीश कुमार ने 10वीं बार पद और गोपनीयता की शपथ ली. इस तरह नीतीश कुमार ने पिछले 20 साल के दौरान प्रत्येक 2 वर्ष के अंतराल में उन्होंने सीएम पद की शपथ ली. यह अपने आपमें रोचक और ऐतिहासिक आंकड़ा है. भले ही सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई में महिलाओं की वजह से बंपर जीत हासिल कर सरकार NDA ने सरकार बनाई है, लेकिन सत्ता में आधी आबादी (महिलाओं) की आबादी बहुत कम है.
सिर्फ 3 महिलाओं को बनाया गया मंत्री
बिहार कैबिनट में सिर्फ 3 महिलाओं को मंत्री बनाया गया है. दरअसल, गुरुवार को शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल ने नीतीश कुमार के साथ 26 मंत्रियों ने शपथ दिलाई, जिसमें 3 महिलाएं (लेशी सिंह, रमा निषाद, श्रेयसी सिंह) भी शामिल हुईं. यह लोगों के अनुमान के मुताबिक, काफी कम है. आंकड़ों की बात करें तो नीतीश कैबिनेट में सिर्फ 3 महिलाओं की हिस्सेदारी यानी यह आंकड़ा सिर्फ 11 प्रतिशत होता है. यह अलग बात है कि लेशी सिंह, रमा निषाद और श्रेयसी सिंह के अलावा कई अन्य महिलाओं ने भी NDA की ओर से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Elections 2025) में जीत हासिल की है.
महिलाओं ने NDA को जमकर दिए वोट
वहीं, बिहार की महिला मतदाताओं ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पक्ष में जमकर वोटिंग की. बताया जा रहा है कि नीतीश सरकार की जीविका दीदी योजना ने कमाल किया और महिलाओं ने करीब-करीब NDA के पक्ष में एकतरफा वोटिंग की. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पुरुष और महिला दोनों वोटरों का NDA को अच्छा समर्थन मिला है. खासतौर से इस बार NDA के पक्ष में महिलाओं की वोटिंग चौंकाने वाली है.
NDA के पक्ष में पड़े बंपर वोट
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Assembly Elections 2020) की तुलना में इस बार के चुनाव में महत्वपूर्ण बदलाव नजर आया. दरअसल, NDA के समर्थन में 2020 मेंसिर्फ़ 38 प्रतिशत महिलाओं और 36 प्रतिशत पुरुषों ने वोटिंग की थी. वहीं, इस बार यानी 48 प्रतिशत महिलाओं ने NDA के पक्ष में वोट किया, जबकि 36 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया. दोनों चुनाव की तुलना करें तो फर्क साफ नजर आता है. बिहार चुनाव में इस बार महागठबंधन के समर्थन में 37 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया और 39 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया. इससे फर्क साफ है. बावजूद इसके महिलाओं को बिहार सरकार की कैबिनेट में वह हिस्सेदारी नहीं मिली जो वह डिजर्व करती थीं.
आखिर क्यों महिलाओं ने दिया NDA के पक्ष में वोट?
जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री महिला रोज़गार के तहत महिलाओं को 10,000 रुपये की सीधी सहायता दी गई. यह स्कीम NDA के लिए गेमचेंजर साबित हुई. इसके अलावा पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण भी लगातार NDA के पक्ष में काम कर रहा है. वहीं, बालिका साइकल योजना, स्कॉलरशिप के अलावा राज्य सरकार की नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण और वंचित तबकों की लड़कियों को यूनिफ़ॉर्म देना भी नीतीश के पक्ष में गया.