Home > बिहार > बिहार में वोटिंग से पहले ही महागठबंधन में CM फेस पर घमासान! तेजस्वी यादव-मुकेश सहनी मुखर, कांग्रेस क्यों चुप?

बिहार में वोटिंग से पहले ही महागठबंधन में CM फेस पर घमासान! तेजस्वी यादव-मुकेश सहनी मुखर, कांग्रेस क्यों चुप?

Bihar Assembly Election 2025: राजद तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बता रही है, तो VIP के संस्थापक मुकेश सहनी भी खुद को उपमुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश कर रहे हैं. इन सब के बीच कांग्रेस चुप है.

By: hasnain alam | Published: October 9, 2025 2:19:46 PM IST



Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अब वादों का दौर शुरू हो गया है. गुरुवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि बिहार के जिस भी परिवार के पास सरकारी नौकरी नहीं है ऐसे हर परिवार को एक नया अधिनियम बनाकर अनिवार्य रूप से उस परिवार में नौकरी दी जाएगी. सरकार बनते ही 20 दिन में अधिनियम बनाएंगे और 20 महीने के अंदर ऐसा बिहार का कोई घर नहीं बचेगा, जिसके पास सरकारी नौकरी नहीं होगी.

इन वादों के बीच अभी तक एनडीए या महागठबंधन में सीटों का बंटवारा भी नहीं हुआ है. वहीं कई नेताओं के पार्टी बदलने का भी दौर शुरू हो चुका है. इस बीच महागठबंधन में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री चेहरे को लेकर अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई. यहां इन पदों को लेकर दल अपनी-अपनी बात कह रहे हैं, लेकिन किसी सहयोगी का साथ मिलता नहीं दिख रहा है.

मुकेश सहनी खुद को बता रहे डिप्टी सीएम का चेहरा

राजद जहां अपने नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में प्रस्तुत कर रहा है, तो विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी भी खुद को उपमुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में खुद के नाम की घोषणा कर रहे हैं.

दूसरी तरफ तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के फेस के रूप में कांग्रेस अपने पत्ते नहीं खोल रही है. पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी से इसे लेकर जब सवाल भी किया गया था, तब उन्होंने उस प्रश्न को टाल दिया था.

तेजस्वी यादव के नाम पर मुखर राजद

कहा जाता है कि कांग्रेस की यह रणनीति मानी जा रही है कि चुनाव के पहले वह मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं करना चाहती, जबकि राजद तेजस्वी यादव के नाम पर मुखर है. ‎कांग्रेस पिछले चुनाव की तरह राजद की पिछलग्गू से अलग नजर आ रही है.

बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारु ने इस चुनाव में कांग्रेस की रणनीतियों को बदला है. वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि तेजस्वी यादव के सीएम फेस के नाम पर मुहर नहीं लगाकर दबाव की रणनीति पर आगे बढ़ रही है. कांग्रेस इस बार ऐसी सीटों पर अड़ी हुई है, जहां वह मजबूत है.

कांग्रेस क्यों नहीं खोल रही पत्ते?

‎माना जा रहा है कि कांग्रेस अपने सवर्ण मतदाताओं को लेकर भी सचेत है कि तेजस्वी यादव के नाम की घोषणा से कहीं वे बिदक न जाएं. कृष्णा अल्लावारु का कहना है कि हमारे लिए बिहार का भविष्य मायने रखता है. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बिहार में चौतरफा विकास की बयार बहे. किसी के भी हितों के साथ कोई समझौता नहीं हो. जो मुद्दे हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं, हम उसी पर प्राथमिकता दे रहे हैं.

 ‎वीआईपी हालांकि तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री पद पर अपनी सहमति जता रही है. वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी दावे के साथ कहते हैं कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे और अति पिछड़े मल्लाह का बेटा डिप्टी सीएम होगा.

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