Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले अंतिम मतदाता सूची जारी हो चुका है. इस मतदाता सूची को लेकर भी सियासत जारी है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने शनिवार को अंतिम मतदाता सूची में कई गड़बड़ियां होने का दावा किया और आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग भारतीय जनता पार्टी की ‘बी टीम’ के रूप में काम करते हुए पूरी तरह से ‘निर्लज्जता’ पर उतारू है और एसआईआर की प्रक्रिया का मकसद बीजेपी तथा उसके मित्र दलों को राजनीतिक लाभ पहुंचाना है.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि आयोग को बीजेपी की कठपुतली की तरह नहीं दिखना चाहिए. निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद बिहार की अंतिम मतदाता सूची गत 30 सितंबर को प्रकाशित कर दी, जिसके अनुसार राज्य में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं.
‘चुनाव आयोग ने SIR का पूरा खेल बीजेपी के इशारे पर रचा: जयराम रमेश
रमेश ने एक खबर का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया- ‘निर्वाचन आयोग ने एसआईआर का पूरा खेल ही बीजेपी के इशारे पर रचा है. अंतिम एसआईआर में निर्वाचन आयोग के सुधार के दावे भी गलत साबित हो रहे हैं. बिहार के सभी इलाको से ऐसी खबरें आ रही हैं जो इस बात की पुष्टि करती हैं कि पूरी प्रक्रिया का मकसद बीजेपी और उसके मित्र दलों को राजनीतिक लाभ पहुंचाना है.’
उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया के बाद अंतिम सूची में भी तमाम गड़बड़ियों के मामले बताते हैं कि निर्वाचन आयोग को सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेशों की भी कोई परवाह नहीं है और बीजेपी की ‘बी टीम’ के रूप में काम कर रहा यह आयोग पूरी तरह से निर्लज्जता पर उतर चुका है.
एक घर में 247 मतदाता कैसे पाए गए: जयराम रमेश
रमेश ने सवाल किया- ‘क्या मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार इसका जवाब देंगे कि एक घर में 247 मतदाता कैसे पाए गए और एक व्यक्ति का नाम एक ही बूथ पर तीन-तीन जगह क्यों है? अंतिम मतदाता सूची में इतनी बड़ी गड़बड़ियां कैसे सामने आ रही हैं? या वह पहले की तरह ही चुप्पी साधे रहेंगे?’
उन्होंने कहा- ‘चिंताजनक बात यह है कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम कटने की संख्या पिछले चुनावों में जीत के अंतर से अधिक है.’ कांग्रेस नेता ने कहा- ‘हमने पहले दिन से कहा है कि भारत का निर्वाचन आयोग पूरे देश का है और उसे सत्ताधारी दल की कठपुतली की तरह नहीं दिखना चाहिए.’