8th Pay Commission: लाखों सरकारी कर्मचारी उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब 7वें वेतन आयोग की मियाद खत्म होगी और 8वें वेतन की टाइमलाइन का आगाज होगा। 8वें वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारी को उम्मीद इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि 7वें वेतन आयोग में वेतन में बड़ी इजाफा देखने को नहीं मिला था। 8वें वेतन आयोग के जरिए करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 62 लाख पेंशनभोगियों के वेतन ढांचे में बदलाव आएगा।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से वेतन और पेंशन में 30-34% की बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो सकता है।
वेतन आयोग के गठन का मकसद
प्राइवेट क्षेत्र कंपटीशन बनाए रखने और योग्य युवा प्रतिभाओं को प्रशासनिक व्यवस्था में बनाए रखने के लिए हर दस साल में सरकार एक वेतन आयोग का गठन करती है। इससे कर्मचारियों को वित्तीय मजबूती है और प्रशासनिक व्यवस्था में बने रहने के लिए उन्हे मोटिवेशन मिलता है। 8वें वेतन आयोग की घोषणा जनवरी 2024 में की गई थी। लेकिन अभी तक इसके कार्यकाल, सदस्यों और अध्यक्ष पर फैसला नहीं हुआ है। जिससे इसमें देरी की संभावना साफ दिखाई दे रही है।
7वां वेतन आयोग
7वां वेतन 2016 में लागू हुआ था। तब 7वें वेतन आयोग ने मूल वेतन में केवल 14.3% बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। यह 1970 के बाद से सबसे कम बढ़ोतरी थी। हालाँकि 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया था। लेकिन डीए रीसेट होने के कारण वास्तविक वेतन वृद्धि बहुत कम रही। विभिन्न भत्तों सहित कुल बढ़ोतरी लगभग 23% थी। आपको बता दें कि इससे पहले, 2006 में, 6वें वेतन आयोग ने वेतन में लगभग 54% की बढ़ोतरी की थी। जो एक बहुत बड़ी बढ़ोतरी थी।
फिटमेंट फैक्टर से कितनी बढ़ेगी सैलरी
फिटमेंट फैक्टर वह गुणक होता है जिसकी मदद से सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में बढ़ोतरी तय की जाती है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जिसकी वजह से वेतन में अच्छी बढ़ोतरी हुई थी। अब जब 8वें वेतन आयोग की चर्चा जोरों पर है, तो ब्रोकरेज फर्म Ambit Capital की रिपोर्ट के अनुसार इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.83 से लेकर 2.46 के बीच तय हो सकता है।
इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी कर्मचारी का वर्तमान बेसिक पे ₹18,000 है, और नया फिटमेंट फैक्टर 2.46 होता है, तो उसका नया वेतन ₹44,280 तक पहुंच सकता है। हालांकि, इसका पूरा असर तभी दिखेगा जब डीए (महंगाई भत्ता) रीसेट होकर नए वेतन के अनुसार लागू किया जाएगा। यानी शुरू में लाभ थोड़ा सीमित हो सकता है, लेकिन समय के साथ वेतन में वास्तविक बढ़ोतरी नजर आएगी।
सरकारी कर्मचारियों की सैलरी सिर्फ बेसिक पे तक सीमित नहीं होती, बल्कि इसमें कई तरह के भत्ते भी शामिल होते हैं, जैसे महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), यात्रा भत्ता (TA) और अन्य लाभ। पहले जहां बेसिक पे कुल सैलरी का लगभग 65% हुआ करता था, वहीं अब इसका अनुपात घटकर करीब 50% रह गया है।
इसका मतलब है कि अब कुल वेतन में भत्तों का योगदान ज्यादा हो गया है। खासकर DA हर छह महीने में महंगाई दर (CPI) के अनुसार संशोधित किया जाता है। इसलिए नए वेतन ढांचे का पूरा फायदा धीरे-धीरे दिखाई देता है और समय के साथ कुल सैलरी में बढ़ोतरी का असर साफ नजर आता है।
Gold Silver Price Today: एक बार फिर सोना-चांदी हुआ महंगा, खरीदारी से पहले यहां जानें आज की लेटेस्ट प्राइस
अभी तक नहीं हुआ 8वें वेतन आयोग का गठन
7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में बना था और इसे जनवरी 2016 से लागू किया गया था, यानी पूरी प्रक्रिया में करीब दो साल का वक्त लगा था। अब 8वें वेतन आयोग की बात करें तो जुलाई 2025 तक इसका गठन भी नहीं हो पाया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आयोग का गठन इस साल के आखिर तक भी होता है, तो उसकी रिपोर्ट तैयार करने, समीक्षा करने, कैबिनेट से मंजूरी लेने और सिफारिशें लागू करने में 18 से 24 महीने का समय लग सकता है। ऐसे में जनवरी 2026 से नया वेतन लागू होना काफी मुश्किल नजर आता है। यानी अभी यह समयसीमा सिर्फ एक उम्मीद भर है, हकीकत बनने में वक्त लगेगा।