What is Block Deal: स्टॉक मार्केट में कभी-कभी ऐसा होता है कि कोई शेयर अचानक ऊपर चला जाता है या गिर जाता है, बिना किसी बड़ी खबर के. ऐसा हाल ही में बजाज हाउसिंग फाइनेंस के शेयर के साथ हुआ. बुधवार को ये शेयर सुबह 97.56 रुपये पर खुला, दिन में 98.80 रुपये तक गया, लेकिन अंत में 96.84 रुपये पर बंद हुआ. ये अचानक हलचल ब्लॉक डील की वजह से हुई थी. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि ब्लॉक डील होती क्या है और इससे शेयर कैसे प्रभावित होते हैं.
ब्लॉक डील क्या होती है?
ब्लॉक डील एक ऐसा ट्रेड होता है जिसमें कोई बड़ा निवेशक, जैसे म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस कंपनी या कोई बड़ी वित्तीय संस्था, एक ही बार में बहुत बड़ी संख्या में शेयर खरीदता या बेचता है.
सामान्य तौर पर, ऐसी डील में कम से कम ₹5 करोड़ की रकम या 5 लाख शेयर शामिल होते हैं. ब्लॉक डील आम बाजार में नहीं होती. इसके लिए खरीदार और बेचने वाला पहले से कीमत और शेयर की संख्या तय कर लेते हैं. इसका फायदा ये है कि इतनी बड़ी खरीद या बिक्री से शेयर की कीमत अचानक बहुत ऊपर या नीचे नहीं जाती. डील पूरी होने के बाद, एक्सचेंज को इसकी जानकारी दे दी जाती है.
ब्लॉक डील के नियम
ब्लॉक डील के लिए SEBI और एक्सचेंज ने कुछ नियम बनाए हैं:
डील का दाम वर्तमान बाजार भाव से केवल 1% ऊपर या नीचे हो सकता है.
खरीदार और बेचने वाले की शेयर की संख्या और कीमत पूरी तरह से मेल खानी चाहिए.
ब्लॉक डील विंडो दिन में सिर्फ दो बार खुलती है: सुबह 8:45 से 9:00 और दोपहर 2:05 से 2:20.
अगर 90 सेकंड में डील पूरी नहीं होती, तो ये खुद रद्द हो जाती है.
ये डील केवल बड़ी कंपनियों या F&O वाले शेयरों में ही संभव है.
बजाज हाउसिंग फाइनेंस के शेयर गिरने की वजह
मंगलवार को इस कंपनी के शेयर में बड़ी गिरावट इसलिए आई क्योंकि किसी बड़े निवेशक ने ब्लॉक डील के जरिए भारी मात्रा में शेयर बेचे. जब कोई बड़ा निवेशक इतना बड़ा कदम उठाता है, तो बाजार में ये संदेश जाता है कि वो शेयर से अपनी पकड़ कम कर रहा है। इसके बाद छोटे निवेशक डर जाते हैं और शेयर और नीचे जा सकते हैं.
रिटेल निवेशकों पर असर
ब्लॉक डील सीधे छोटे निवेशकों पर नहीं पड़ती, लेकिन इसका अप्रत्यक्ष असर जरूर होता है:
मार्केट का मूड बदलता है: बड़ी बिक्री से डर बढ़ता है, बड़ी खरीद से भरोसा बढ़ता है.
कीमतों की दिशा प्रभावित होती है: सीधे ट्रेड से नहीं, लेकिन निवेशकों के रुझान से असर दिखता है.
लिक्विडिटी बढ़ती है: बाजार ज्यादा सुचारू रूप से चलता है.
संक्षिप्त समय में वोलैटिलिटी: अचानक डील्स से शेयर की कीमत में हलचल हो सकती है.
ब्लॉक डील का मेन असर बाजार के मूड और कीमतों की दिशा पर होता है. जैसे बजाज हाउसिंग फाइनेंस के मामले में, अचानक हुई ब्लॉक डील से बाजार का रुख बदल गया. कुछ निवेशक इसे जोखिम मानते हैं, वहीं कुछ इसे लंबी अवधि के लिए खरीद का अवसर भी समझ सकते हैं. इसलिए, ब्लॉक डील से डरने की बजाय इसे समझना और सही फैसले लेना जरूरी है.