1. AI-आधारित स्थानीय व्यावसायिक समाधान
इस सेक्टर की सबसे अच्छी बात SaaS मॉडल की उपलब्धता है. इसका मतलब है कि एक बार प्रोडक्ट बनाना और फिर मंथली सब्सक्रिप्शन के ज़रिए बार-बार रेवेन्यू कमाना. सही, स्केलेबल सॉल्यूशन के साथ, 3-4 साल में सैकड़ों मिलियन डॉलर का वैल्यूएशन मुमकिन है.
2. क्लाइमेट और एनर्जी पर फोकस स्टार्टअप
आप सोलर इंस्टॉलेशन सर्विसेज़, एनर्जी ऑडिट, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग सॉल्यूशंस, बैटरी रीसाइक्लिंग, या कार्बन ट्रैकिंग जैसे क्षेत्रों में बिज़नेस शुरू कर सकते हैं. यह सेक्टर अभी भी काफी हद तक अनछुआ है, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में.
सरकारी सब्सिडी, पॉलिसी सपोर्ट और बढ़ती जागरूकता इस सेक्टर को और मज़बूत बना रहे हैं. अगर आप सही समय पर इस मार्केट में आते हैं, तो यह स्टार्टअप एक लंबे समय तक चलने वाली सफलता की कहानी बन सकता है.
3. मानसिक स्वास्थ्य और निवारक स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म
कॉर्पोरेट, स्कूल, कॉलेज और फैमिली सब्सक्रिप्शन मॉडल इस बिज़नेस को तेज़ी से आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. निवेशक भी ऐसे स्टार्टअप्स में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
4. भारत पर फोकस करने वाला D2C ब्रांड
अगर प्रोडक्ट अच्छा है और कहानी दमदार है, तो ये D2C ब्रांड कुछ ही सालों में ₹100–500 करोड़ का वैल्यूएशन हासिल कर सकते हैं.
5. नौकरियों के लिए स्किल-बेस्ड एडटेक
आप AI, डेटा, डिजिटल मार्केटिंग, फाइनेंस, डिज़ाइन, या ब्लू-कॉलर नौकरियों के लिए स्किल ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म बना सकते हैं. खासकर, जो स्टार्टअप क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट देते हैं, उनका स्कोप ज़्यादा है.