richest people in India: इन सभी परिवारों ने भारत के औद्योगिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
मुकेश अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी हैं. यह कंपनी उनके पिता के छोटे टेक्सटाइल व्यवसाय से शुरू हुई थी और आज के समय में तेल, टेलीकॉम, रिटेल और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में अपनी पहचान बना चुकी है। मुकेश अंबानी की कंपनी जियो के 490 मिलियन ग्राहक हैं और वे ग्रीन एनर्जी में काफी इन्वेस्ट कर रहे हैं। उनके तीनों बच्चे अब कारोबार के महत्वपूर्ण हिस्सों को संभाल रहे हैं।
दिलीप शांघवी और उनका परिवार
1983 में दिलीप शांघवी ने अपने पिता से सिर्फ 200 डॉलर का उधार लेकर सन फार्मा पनी शुरू की थी और आज ये भारत की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी है. और जिसकी ज्यादातर कमाई विदेशों से से आती है। कंपनी को बड़ा बनाने के लिए उन्होंने रनबैक्सी जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया। 2025 में उनके बेटे आलोक कंपनी के सीओओ बन गए हैं।
राधाकिशन दमानी
DMart की शुरुआत राधाकिशन दमानी ने की थी जो DMart संस्थापक हैं। आज भारत में डीमार्ट के 375 स्टोर हैं जबकि 2002 में सिर्फ एक स्टोर के साथ शुरुआत की थी वे कई कंपनियों में भी इन्वेस्ट करते हैं वे रेडिसन ब्लू रिजॉर्ट के मालिक हैं जो अलीबाग में हैं और साल 2023 में उन्होंने अपने भाई के साथ मुंबई में 155 डॉलर मिलियन खर्च करके 28 लक्जरी अपार्टमेंट खरीदे।
कुमार बिड़ला
कुमार मंगलम बिड़ला को आखिर कौन नहीं जानता होगा. $66 बिलियन के विशाल आदित्य बिड़ला ग्रुप का नेतृत्व करते हैं. इनके नाम का डंका न केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में बजता है. इनका समूह 40 से अधिक देशों में सीमेंट, एल्युमिनियम, वित्तीय सेवाएं और दूरसंचार जैसे विविध क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति रखता है. कुमार बिड़ला ने सिर्फ 28 साल की उम्र में ही अपने पिता की मृत्यु के बाद इस विशाल साम्राज्य की बागडोर संभाली.
साइरस पूनावाला
साइरस पूनावाला ने 1966 में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की स्थापना की, जो आज दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी में से एक है. महाराष्ट्र के पुणे में स्थित यह कंपनी सालाना 1.5 बिलियन से अधिक वैक्सीन की खुराक का उत्पादन करती है. उनके बेटे आदार पूनावाला, जो अब कंपनी के CEO हैं, ने कोविड-19 महामारी के दौरान एक नया वैक्सीन कारखाना बनाकर कंपनी की क्षमताओं को और बढ़ाया है.
बजाज परिवार
बजाज परिवार 99 साल पुराने बजाज ग्रुप को चलाता है, जो बजाज ऑटो और बजाज फिनसर्व जैसी कंपनियों के लिए भी जाना जाता है. साल 2022 में राहुल बजाज के निधन के बाद, उनके बेटों राजीव और संजीव ने कंपनी की कमान को संभालने का फैसला लिया. 2025 में, उन्होंने अपने इंश्योरेंस वेंचर्स में एलियांज की हिस्सेदारी को $2.8 बिलियन में खरीदकर अपनी पकड़ को और मजबूत किया.
शापूर मिस्त्री और परिवार टाटा संस के हिस्सेदार
शापूर मिस्त्री, 159 साल पुराने शापूरजी पलोनजी ग्रुप का नेतृत्व करते हैं और टाटा संस में उनकी बड़ी हिस्सेदारी रही है. साल 2022 में, उन्होंने एक ही साल में अपने पिता और भाई साइरस को खो दिया. उनके पिता और भाई, समूह का कर्ज कम करने के लिए संपत्तियां बेचकर उनकी मदद कर रहे थे.