Income Tax Department Scrutiny: आप रोज अपनी सेविंग अकाउंट से पेमेंट, ट्रांसफर, नकद जमा‑निकासी करते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि ये रोजमर्रा के काम भी कभी‑कभी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की निगरानी में आ सकते हैं? अगर आपको लगता है कि बचत खाता सिर्फ़ पैसे जमा करने और खर्च करने का एक जरिया है. तो जान लें कि आजकल आयकर विभाग आपके हर बड़े लेन-देन पर नजर रख सकता है. खासकर अगर आपके खाते में बार-बार बड़ी रकम आ-जा रही हो. आप ऐसे खर्च कर रहे हों जो आपकी आय से मेल नहीं खाते.
क्या आपको भी इमकम टैक्स नोटिस
विशेषज्ञों का कहना है कि बैंक और कर विभाग कुछ खास तरह के लेन-देन पर नजर रखते है. अगर ये लेन-देन आपकी आय से मेल नहीं खाते, तो आपको नोटिस मिल सकता है. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिषेक सोनी और तरुण कुमार मदान ने बताया कि कभी-कभी सामान्य से लगने वाले लेन-देन भी आयकर जांच का कारण बन सकता है.
अगर आप एक वित्तीय साल में 10 लाख या उससे ज़्यादा नकद जमा करते हैं, तो आपका बैंक इसकी सूचना आयकर विभाग को देता है. यह गैरकानूनी नहीं है, लेकिन आपको इसके स्रोत का खुलासा करना पड़ सकता है. उपहार संपत्ति की बिक्री या व्यावसायिक आय से संबंधित रसीदें संभाल कर रखें.
क्या आपने क्रेडिट कार्ड से बड़ी राशि का भुगतान किया है?
यदि आप किसी वर्ष में 1 लाख से अधिक नकद भुगतान करते हैं या क्रेडिट कार्ड से कुल 10 लाख से अधिक का भुगतान करते हैं, तो इसकी रिपोर्ट दर्ज की जाती है. विभाग यह जांच करता है कि आपकी जीवनशैली आपके कर रिटर्न में दिखाई गई आय से मेल खाती है या नही.
बार-बार नगद निकालना
आपके खाते से बार-बार बड़ी निकासी, या नकदी प्रवाह में अचानक वृद्धि भी बैंक को सतर्क कर सकती है. इससे सवाल उठ सकते हैं खासकर अगर यह आपकी आय से मेल नहीं खाता है.
30 लाख रुपये या उससे अधिक मूल्य की संपत्ति के सौदे
यदि आपने 30 लाख रुपये या उससे अधिक मूल्य की संपत्ति खरीदी या बेची है (चाहे बाजार मूल्य हो या स्टाम्प मूल्य), तो रजिस्ट्रार इसकी रिपोर्ट करता है. आयकर विभाग यह देखता है कि आपको पैसा कहां से मिला है.
खातों में अचानक लेनदेन
यदि कोई पहले से निष्क्रिय खाता अचानक सक्रिय हो जाता है और बड़े लेनदेन होते हैं, तो बैंक उसे चिह्नित कर सकता है. ऐसे में व्यवसाय, विरासत या अन्य वैध कारण से संबंधित दस्तावेज संभाल कर रखें.
क्या आपने विदेश में बड़ी रकम खर्च की है या प्राप्त की है?
अगर आपने एक साल में 10 लाख रुपये या उससे ज़्यादा के विदेशी लेनदेन किए है. जैसे कि अंतरराष्ट्रीय कार्ड भुगतान या फ़ॉरेक्स, तो आपको आयकर नोटिस मिल सकता है. खासकर अगर आपकी आय इससे कम दिखाई देती है.
बैंक ब्याज और आईटीआर के बीच अंतर
अगर आपके बैंक द्वारा दिखाया गया ब्याज आपके आयकर रिटर्न से मेल नहीं खाता है, तो आपको नोटिस मिल सकता है. फॉर्म 26AS और AIS (वार्षिक सूचना विवरण) से अपने ब्याज की जांच करें और सब कुछ सही-सही दिखाएं.
बचत खाते का ब्याज 10000 रुपये से कम है लेकिन इसे छिपाए नही
अगर आपका ब्याज 10000 रुपये से कम है, तब भी यह AIS में दिखाई देगा. अगर आप इसे अपने रिटर्न में नहीं दिखाते हैं, तो बेमेल डेटा के कारण आपको स्वचालित रूप से नोटिस मिल सकता है.
क्या आपके पास कई खाते हैं, लेकिन आपने ब्याज नहीं जोड़ा है?
कई बचत खाते रखना कोई समस्या नहीं है, लेकिन उन सभी पर ब्याज जोड़ना और उसे अपने आईटीआर में दिखाना जरूरी है. यह प्रणाली बहुत संवेदनशील है और छोटी-छोटी गलतियां भी पकड़ सकती है.
दूसरों के लिए भुगतान करके पकड़े न जाएं
अगर आपने त्योहार के दौरान अपने कार्ड से किसी और के लिए भुगतान किया और उन्होंने आपको नकद पैसे लौटा दिए, तो उसे भी ट्रैक किया जा सकता है. एक बार यह पैसा आपके खाते में जमा हो जाने पर आप रिपोर्टिंग सीमा पार कर सकते हैं और आपको टैक्स नोटिस मिल सकता है.
आयकर विभाग की नजर से कैसे बचें?
कर विभाग पैन-आधारित ऑटो-रिपोर्टिंग प्रणाली के माध्यम से सभी बड़े लेनदेन पर नजर रखता है. इसलिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
- अपना आईटीआर दाखिल करने से पहले अपने एआईएस और फॉर्म 26AS की जांच करे.
- हर लेनदेन का दस्तावेज रखे.
- दूसरों के लिए लेनदेन करते समय सब कुछ स्पष्ट और ट्रैक रखें.