Categories: व्यापार

RBI का नया धमाका..! अब हर घंटे क्लीयर होगा चेक, नहीं करना होगा 1-2 दिन का इंतजार

Cheque Clearing Status : भारत में 4 अक्टूबर से चेक क्लियरिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव होगा. अब चेक लगातार पूरे दिन क्लियर होंगे. RBI ने बैच मॉडल खत्म कर कंटीन्यूअस क्लियरिंग शुरू कर रहा है. 3 अक्टूबर को बैंकों का ट्रायल होगा.

Published by sanskritij jaipuria

Cheque Clearing Status : भारत में चेक क्लियरिंग सिस्टम में एक बड़ा बदलाव आ रहा है. 4 अक्टूबर से बैंकिंग व्यवस्था में आधारित मॉडल की जगह निरंतर (कंटीन्यूअस) क्लियरिंग प्रोसेस लागू होगा. इसका मतलब ये है कि चेक पर लिखा पैसा खाते में पहुंचने में अब कई दिन नहीं बल्कि केवल कुछ घंटे लगेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस बदलाव को लेकर पूरी तरह तैयार है और इसके पहले 3 अक्टूबर को बैंकों के बीच एक ट्रायल भी आयोजित करेगा.

नया क्या है?

पहले चेक एक समय में जमा होते थे और फिर बैच में क्लियर होते थे, जिससे पैसे खाते में आने में 1-2 दिन लग जाते थे. अब से चेक लगातार पूरे दिन क्लियर होंगे. मतलब, अगर आप सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच चेक जमा करते हैं, तो वो तुरंत स्कैन होकर क्लियरिंग के लिए भेज दिया जाएगा . इसके बाद 11 बजे से हर घंटे बैंकों के बीच पैसा ट्रांसफर होगा और शाम 7 बजे तक भुगतान बैंक को जवाब देना होगा. यदि बैंक जवाब नहीं देता है, तो चेक ऑटोमेटिकली मंजूर माना जाएगा.

मौजूदा प्रणाली की तुलना में सुधार

अब तक चेक क्लियरिंग में एक या दो कारोबारी दिन लग जाते थे, जिससे पैसे मिलने में देरी होती थी. नए सिस्टम से ये प्रक्रिया तेजी से पूरी होगी और कस्टमर अपने पैसे कुछ ही घंटों में प्राप्त कर सकेंगे. ये बदलाव न सिर्फ व्यक्तिगत कस्टमर के लिए फायदेमंद है, बल्कि व्यवसायों के लिए भी भुगतान प्रक्रिया को सरल और तेज बनाता है.

कस्टमरों के लिए क्या फायदे हैं?

 तेज पैसे मिलना: अब चेक से पैसे खाते में तुरंत जमा हो जाएंगे.
 बिजनेस के लिए आसान भुगतान: व्यापारिक लेनदेन में तेजी आएगी.
 देशभर में समान क्लियरिंग: चाहे आप कहीं भी हों, चेक क्लियरिंग की गति समान होगी.
 चेक की स्थिति आसानी से पता चलेगी.

चेक क्लियरिंग का इतिहास

पहले 1980 के दशक से पहले ये प्रक्रिया पूरी तरह मैनुअल होती थी और इसमें एक सप्ताह तक लग सकता था. 1980 में MICR तकनीक आई जिसने लोकल क्लियरिंग को 1-3 दिनों तक सीमित कर दिया. 2008 में चेक ट्रंकशन सिस्टम (CTS) ने इसे एक दिन तक घटा दिया. 2021 में देशव्यापी ग्रिड से सभी जगह T+1 क्लियरिंग शुरू हुई और अब 2025 में कंटीन्यूअस क्लियरिंग के साथ ये प्रक्रिया और भी तेज हो जाएगी.

Related Post

क्या ये हर जगह लागू होगा?

जी हां, RBI के तीन बड़े क्लियरिंग ग्रिड – दिल्ली, मुंबई और चेन्नई – जो पूरे देश को कवर करते हैं, में ये नया सिस्टम लागू होगा.

 RBI के दो चरण में बदलाव लागू करने का तरीका

 पहला चरण (4 अक्टूबर से 2 जनवरी 2026 तक): बैंकों को शाम 7 बजे तक जवाब देना होगा.
 दूसरा चरण (3 जनवरी 2026 से): बैंकों को केवल तीन घंटे का समय मिलेगा.

3 अक्टूबर को क्यों होगा ट्रायल?

3 अक्टूबर को यानी आज बैंकों के बीच एक ट्रायल होगा ताकि सिस्टम की जांच की जा सके और सुनिश्चित किया जा सके कि नया मॉडल बिना किसी दिक्कत के शुरू हो.

sanskritij jaipuria
Published by sanskritij jaipuria

Recent Posts

भगवान का पैसा खाकर मोटे हो रहे थे बैंक? सुप्रीम कोर्ट ने मारा करारा तमाचा! जानिए क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि मंदिर का पैसा सिर्फ देवता का है. जिसके…

December 5, 2025

World Dirtiest Cities: तेल, धुआं और गंदगी…ये हैं दुनिया के 5 सबसे गंदे शहर! लिस्ट में टॉप पर है इस देश की राजधानी

World Pollution Ranking Cities: इन शहरों में प्रशासन की उदासीनता, औद्योगिक कचरे का गलत प्रबंधन…

December 5, 2025

Akhuratha Sankashti 2025: पापों के नाश और कार्यों में सफलता के लिए रखें अखुरथ संकष्टी का व्रत

Akhuratha Sankashti 2025 Date: चतुर्थी तिथि हर महीने आती है. पौष महीने में आने वाली…

December 5, 2025