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पर्सनल लोन लेकर पछता रहे हैं? ‘कूलिंग-ऑफ पीरियड’ में बिना नुकसान कैंसिल करने का मौका!

अगर आप पर्सनल लोन लेते हैं लेकिन बाद में आपको लगता है कि आपको इसकी ज़रूरत नहीं है, तो आप इसे "कूलिंग-ऑफ पीरियड" के दौरान कैंसिल कर सकते हैं. यह पीरियड बैंक के हिसाब से 3 से 15 दिन का होता है. कुछ बैंक इस दौरान कोई कैंसलेशन फीस नहीं लेते हैं, लेकिन प्रोसेसिंग फीस और इंटरेस्ट आमतौर पर वापस नहीं किया जाता है. अगर आप इस पीरियड के बाद लोन कैंसिल करते हैं, तो आपको भारी पेनल्टी देनी पड़ सकती है.

By: Anshika thakur | Published: December 29, 2025 8:07:35 AM IST



Personal Loan: कभी-कभी हम जल्दबाजी में या इमरजेंसी की वजह से पर्सनल लोन ले लेते हैं. लेकिन क्या हो अगर, लोन की रकम आपके बैंक अकाउंट में आने के बाद, आपको पता चले कि अब आपको पैसे की ज़रूरत नहीं है? या क्या हो अगर जिस मकसद से आपने लोन लिया था वह अब ज़रूरी न रहे? ऐसी स्थितियों में घबराने की ज़रूरत नहीं है. बैंकिंग की दुनिया में एक नियम है जिसे “कूलिंग-ऑफ पीरियड” या “लुक-अप पीरियड” कहते हैं.

यह एक ऐसा समय होता है जिसके दौरान आप लोन की रकम वापस कर सकते हैं और लोन कैंसिल कर सकते हैं. आसान शब्दों में, यह किसी चीज़ को खरीदने के बाद वापस करने जैसा है. हालांकि, इसके लिए बैंकों की कुछ शर्तें और नियम होते हैं.

कूलिंग-ऑफ पीरियड क्या होता है?

यह एक टाइम पीरियड होता है (आमतौर पर 3 से 15 दिन) जिसके अंदर आप बैंक को बता सकते हैं कि अब आपको लोन नहीं चाहिए. अगर आप इस पीरियड के दौरान लोन कैंसिल करते हैं, तो बैंक आपसे बहुत कम या कोई कैंसलेशन फीस नहीं लेगा. आइए जानते हैं कि बड़े बैंकों और कंपनियों के नियम क्या कहते हैं.

लोन कैंसिल करते समय इन बातों का ध्यान रखें:

प्रोसेसिंग फीस ज़ब्त हो जाएगी: लगभग सभी बैंक लोन कैंसिल करने पर प्रोसेसिंग फीस वापस नहीं करते हैं. यह रकम आपके लोन अमाउंट से पहले ही काट ली जाती है.

ब्याज शुल्क: कुछ बैंक आपसे उतने दिनों का ब्याज लेंगे जितने दिन पैसे आपके पास थे.

सरकारी शुल्क: स्टाम्प ड्यूटी और GST जैसे सरकारी टैक्स भी वापस नहीं मिलते हैं.

अगर आप अपना लोन कैंसिल करना चाहते हैं तो क्या करें?

सबसे पहले, समय चेक करें: देखें कि क्या आप अभी भी कूलिंग-ऑफ पीरियड के अंदर हैं.

बैंक से बात करें: अगर डेडलाइन निकल गई है और चार्ज बहुत ज़्यादा हैं, तो बैंक से चार्ज कम करने के लिए रिक्वेस्ट करें.

फॉर्म भरें: बैंक जाएं और ‘लोन कैंसलेशन रिक्वेस्ट फॉर्म’ भरें और बकाया रकम चेक, फंड ट्रांसफर या कैश से जमा करें.

रसीद लें: पैसे जमा करने के बाद, बैंक से एक कन्फर्मेशन लेटर या रसीद ज़रूर लें जिसमें लिखा हो कि आपका लोन अकाउंट बंद कर दिया जाएगा.

निष्कर्ष

पर्सनल लोन लेना तो आसान है, लेकिन इसे कैंसिल करना काफी मुश्किल हो सकता है. इसलिए, लोन एग्रीमेंट पर साइन करने से पहले “कूलिंग-ऑफ पीरियड” के बारे में पूछताछ करना समझदारी है. अगर आपको अब लोन की ज़रूरत नहीं है, तो भारी पेनल्टी से बचने के लिए जल्द से जल्द बैंक को बताएं. थोड़ी सी सावधानी आपको हज़ारों रुपये बचा सकती है.

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