Job Cut: दुनिया की जानी-मानी चिप निर्माता कंपनी इंटेल एक बार फिर बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंटेल अमेरिका में 5,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी कर रही है। इन छंटनी का कैलिफोर्निया, ओरेगन, एरिजोना और टेक्सास जैसे राज्यों में ज्यादा असर होगा। यह कदम कंपनी की पुनर्गठन योजना का हिस्सा है, जिसका मकसद इंटेल को वित्तीय संकट से उबारना है। साल 2024 में भी इंटेल ने करीब 15000 कर्मचारियों की छंटनी की थी। इसके बाद जून 2025 में कंपनी ने अपने सांता क्लारा मुख्यालय से जुड़े 107 कर्मचारियों की छंटनी की थी।
नए सीईओ के कमान संभालते ही हो रहे बड़े बदलाव
इंटेल के नए सीईओ लिप-बु टैन ने मार्च 2025 में कार्यभार संभालने के बाद से कंपनी में कई बड़े बदलावों की शुरुआत की है। अप्रैल में उन्होंने कहा था कि कंपनी इस साल लागत में 500 मिलियन डॉलर (करीब ₹4,250 करोड़) और अगले साल 1 बिलियन डॉलर (₹8,500 करोड़) की कटौती करेगी। इंटेल ने 9 जुलाई को भेजे एक ईमेल में कहा, “हम कंपनी को ज्यादा चुस्त, तेज और कुशल बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं। संगठन की जटिलता कम करने और अपने इंजीनियरों को सशक्त बनाने से हमें ग्राहकों की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने और प्रदर्शन को मजबूत करने में मदद मिलेगी।”
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ऑटोमोटिव चिप यूनिट बंद करने का फैसला
इंटेल ने जर्मनी के म्यूनिख स्थित अपनी ऑटोमोटिव चिप इकाई को भी बंद करने का फैसला लिया है। “द ओरेगोनियन” की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का लक्ष्य “इंटेल आर्किटेक्चर ऑटोमोटिव बिज़नेस” को बंद करना है और इस सेक्शन के ज्यादातर कर्मचारियों की छंटनी भी की जाएगी। सीईओ लिप-बु टैन का कहना है कि इन जरूरी बदलावों से कर्मचारियों की संख्या कम होगी, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम महत्वपूर्ण प्रतिभाओं को बनाए रखें और नई प्रतिभाओं को जोड़ें।
कंपनी ने बताया अपना मकसद
टैन कंपनी की एआई योजना और चिप निर्माण कार्यों को बेहतर बनाने पर भी काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि कंपनी में मध्य प्रबंधन की ज्यादा परतें निर्णय लेने और नवाचार में बाधा बन रही हैं। उन्होंने कर्मचारियों को आगाह किया कि आने वाले समय में “कड़े फ़ैसले” लिए जाएंगे। गौरतलब है कि इंटेल ने 2024 में लगभग 19 अरब डॉलर (₹1.61 लाख करोड़) का वार्षिक घाटा दर्ज किया था, जो लगभग चार दशकों में पहली बार हुआ था। इसके बाद से कंपनी पर निवेशकों और बाजार का दबाव बढ़ गया है। एआई चिप सेगमेंट में इंटेल को एनवीडिया और एआरएम जैसी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।