IMF Assessment India Economy: अमेरिका, रूस और चीन समेत दुनिया के बड़े देशों की भी तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है. आंकड़े भी साफ-साफ बता रहे हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था की चमक में बढ़ोतरी हो रही है. ताजा आंकड़े यह भी बता रहे हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था ने दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर्ज की है. यह एक तरह से अभूतपूर्व है. विशेषज्ञों की मानें तो भारत की अर्थव्यवस्था में यह प्रदर्शन सभी अनुमानों से बेहतर रहा है. इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने भारत के ताजा GDP आंकड़ों के भरोसे पर सवाल उठाया है. उन्होंने सवालिया लहजे में इसे ‘विडंबनापूर्ण’ बताया है. उनका मानना है कि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF assessment India economy) ने हाल ही में भारत के नेशनल अकाउंट्स के आंकड़ों को ‘C’ ग्रेड दिया है. ऐसे में ये आंकड़े विश्वनीय कैसे हो सकते हैं? वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि सरकार मुद्रास्फीति को कम करके दिखा रही है, ताकि जीडीपी की वृद्धि को दिखाया जा सके.
पीएम समेत BJP के नेता कर चुके हैं तारीफ
भारत सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों में डोनाल्ड ट्रंप से टैरिफ वॉर के अलावा वैश्विक दबाव और तमाम परेशानियों के बीच भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने इस तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया है. इन आंकड़ों के सामने आने पर पीएम मोदी समेत कई भाजपा नेताओं और मंत्रियों ने इन आंकड़ों का खुले मन से स्वागत किया है. इसके साथ ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना भी साधा. यहां पर बता दें कि पिछले वित्त वर्ष (2024) में इसी तिमाही में यह वृद्धि दर 5.6% थी. 2025 की तिमाही में यह 8.2 प्रतिशत की है यानी करीब 3 प्रतिशत का इजाफा है. इस लिहाज से इसे बड़ी वृद्धि माना जाएगा. यहां पर यह बताना जरूरी है कि कोरोना काल के बाद से ही भारत की अर्थव्यवस्था अन्य देशों के मुकाबले बेहतर रही. यह सिलसिला अब भी जारी है.
क्या-क्या कहा जयराम रमेश ने
कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में शामिल जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट किया है. इसमें जयराम रमेश ने लिखा है- ‘तिमाही जीडीपी के आंकड़े उस समय जारी किए गए हैं जब आईएमएफ रिपोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय लेखा-जोखा सांख्यिकी को दूसरा सबसे कम ग्रेड ‘सी’ दिया है. यह विडंबना ही है.’ जयराम रमेश ने इसके साथ ही IMD रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के आंकड़े अभी भी निराशाजनक हैं. इसके पक्ष में तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में निजी निवेश में कोई गति नहीं है. इसके अभाव में उच्च जीडीपी वृद्धि दर भी टिकाऊ नहीं है. इसमें भी लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है.
कांग्रेस नेता ने किन बिंदुओं पर सरकार को घेरा
टिकाऊ नहीं अर्थव्यवस्था में तेजी: जयराम रमेश का कहना है कि ‘ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. इसके साथ ही यह भी दावा किया कि ऊंची GDP ग्रोथ “प्राइवेट इन्वेस्टमेंट में किसी भी नई तेज़ी के बिना टिकाऊ नहीं है. इन्वेस्टमेंट में कोई बढ़ोतरी नहीं दिख रही है:
संदिग्ध हैं आंकड़े: संदिग्ध डिफ्लेटर का उदाहरण देते हुए कांग्रेस नेता ने तर्क दिया है. जयराम रमेश का तर्क है कि GDP डिफ्लेटर, वह मेट्रिक जो नॉमिनल GDP को रियल GDP में बदलता है, ‘बहुत कम’ है, जो असल में लगभग 0.5 परसेंट की महंगाई दर मानता है.
महंगाई पर सरकार ने बोला झूठ: सरकार पर आरोप है कि महंगाई कम करके बताई गई. कांग्रेस ने कहा कि वह डिफ्लेटर को एक बड़े आरोप से जोड़ते हैं कि सरकार “GDP ग्रोथ को बेहतर दिखाने के लिए महंगाई को कम करके बता रही है, जबकि घरों को रोज़ाना की ज़रूरी चीज़ों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी का सामना करना पड़ रहा है.
RBI ने जताया 7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान
आंकड़ों पर विश्वास करें तो भारत की अर्थव्यवस्था ने दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर्ज की है. इसमें भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) का 7 प्रतिशत का अनुमान भी शामिल है. वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि की बात करें तो यह 5.6 प्रतिशत थी, वहीं इससे भी पहले पहली तिमाही में यह 7.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी. तेजी से बढ़े आंकड़ों के पक्ष में तर्क दिया जा रहा है कि जीडीपी की इस वृद्धि में ग्रामीण विकास और ग्रामीण क्षेत्रों से बढ़ती मांग शामिल है.
पक्ष-विपक्ष में हो सकती है भिड़ंत
गौरतलब है कि भारत के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने पिछले दिनों जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए जीडीपी का ताजा आंकड़ा जारी किया है. इसमें दावा किया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ और तमाम दिक्कतों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था में इस तिमाही में तेजी के साथ 8.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया. अब इसी पर कांग्रेस ने जीडीपी के आंकड़ों पर ही सवाल उठा दिया है. वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आईएमएफ रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय लेखा-जोखा सांख्यिकी के इस रिपोर्ट में सी ग्रेड दिया गया है. ऐसे में इस आंकड़े और दावे पर पक्ष और विपक्ष में तकरार तय है.
इस साल जुलाई-सितंबर में किन देशों की कितनी रही विकास दर (प्रतिशत में)
8.2 प्रतिशत (भारत)
5.0 प्रतिशत (इंडोनेशिया)
4.8 प्रतिशत (चीन)
1.3 प्रतिशत (ब्रिटेन)
1.1 प्रतिशत (जापान)
0.9 प्रतिशत (फ्रांस)
0.3 प्रतिशत (जर्मनी)
-0.1 प्रतिशत (मेक्सिको)
पिछली 6 तिमाही के दौरान देश की जीडीपी विकास दर प्रतिशत में
वित्त वर्ष 2024-25
6.5 प्रतिशत (पहली तिमाही)
5.6 प्रतिशत (दूसरी तिमाही)
6.4 प्रतिशत (तीसरी तिमाही)
7.4 प्रतिशत (चौथी तिमाही)
वित्त वर्ष 2025-26
7.8 प्रतिशत (पहली तिमाही)
8.2 प्रतिशत (दूसरी तिमाही)

