Sone chandi ka bhav: त्योहारी सीजन में चांदी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. 14 अक्टूबर, 2025 को 10 ग्राम चांदी की कीमत पिछले दिन की तुलना में बढ़कर 1,890 हो गई. यह बढ़ोतरी निवेशकों और उपभोक्ताओं की बढ़ी हुई खरीदारी के कारण हुई है. मुंबई के जवेरी बाजार में हाल ही में चांदी की अस्थायी कमी देखी गई, जिससे ग्राहकों को डिलीवरी के लिए दो-तीन दिन इंतज़ार करना पड़ा. चांदी के बर्तन तो उपलब्ध थे, लेकिन बार और सिक्कों की आपूर्ति सीमित रही. कुछ खुदरा विक्रेताओं ने सीमित स्टॉक का फ़ायदा उठाया और 20,000-25,000 तक का प्रीमियम वसूला.
बाजार में उपलब्ध चांदी की कीमत पर नजर
हालांकि, इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा कि सर्राफा बाज़ार में कोई वास्तविक कमी नहीं है. वैश्विक हाजिर बाज़ार में ऊंची कीमतों का अस्थायी असर पड़ा है, लेकिन बाज़ार में खरीदारी सामान्य है. उन्होंने अनुमान लगाया कि सोने और चांदी की ऊंची कीमतों के कारण इस धनतेरस और दिवाली पर आभूषणों की बिक्री में लगभग 25-30% की गिरावट आ सकती है, जबकि सिक्कों और बार की मांग बढ़ेगी. सिल्वर एम्पोरियम के राहुल मेहता ने भी कहा कि उपलब्धता सीमित थी, समाप्त नहीं हुई थी—कई उपभोक्ताओं ने जल्दबाजी में खरीदारी की और ज़्यादा प्रीमियम चुकाया. चांदी अब बाज़ार में सामान्य कीमत पर उपलब्ध है.
दिवाली के बाद कीमतों में आएगी गिरावट!
विशेषज्ञों का मानना है कि दिवाली के बाद चांदी की कीमतों में गिरावट आ सकती है. बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन के कुमार जैन के अनुसार, पिछले वर्षों की तरह इस बार भी त्योहारों के बाद कीमतों में गिरावट आ सकती है. पिछले वर्षों के रुझानों के अनुसार, धनतेरस से पहले चांदी 70,000 प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाती है और दिवाली के बाद 35,000 प्रति किलोग्राम तक गिर जाती है. हालांकि इस बार तेज़ गिरावट की संभावना कम है, फिर भी निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए.
होलसेल बुलियन एसोसिएशन के महेश बाफना ने कहा कि औद्योगिक मांग में वृद्धि, भू-राजनीतिक तनाव और आपूर्ति की कमी के कारण चांदी की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं. हालांकि, अगर आपूर्ति में सुधार होता है, तो यह तेजी रुक सकती है. चांदी का औद्योगिक उपयोग इसे जोखिम-मुक्त निवेश बनाता है.
2027 तक 2.46 लाख प्रति किलोग्राम पहुंचेगी कीमत – रिपोर्ट
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक आपूर्ति (31,000 टन) मांग (35,700 टन) से कम है, जिसके परिणामस्वरूप 11.8 करोड़ औंस की कमी है. रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू बाजार में चांदी की कीमतें 2026 के अंत तक ₹2.40 लाख प्रति किलोग्राम और 2027 तक 2.46 लाख प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं. फिलहाल, एमसीएक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी 1.51% बढ़कर 1,64,660 प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, जिससे त्योहारी सीजन में चांदी की चमक और बढ़ गई है.
8th Pay Commission को लेकर क्या है लेटेस्ट अपडेट, कब मिलेगी 50 लाख कर्मचारियों को खुशखबरी?