सोने की कीमतों ने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है और आम लोगों की पहुँच अब मुश्किल हो गई है. खासकर उन घरों में जहाँ अगले महीने शादियाँ होने वाली हैं, चिंताएँ बढ़ गई हैं. लेकिन यह उछाल सिर्फ़ घरेलू कारणों से नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक परिस्थितियों से भी जुड़ा है.
सोने की कीमतों में उछाल ने संकट को और बढ़ा दिया है. हालाँकि, कीमतों में गिरावट के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. यह उछाल अमेरिका में कुछ सरकारी विभागों के वित्तीय समस्याओं के कारण बंद होने से उत्पन्न भू-राजनीतिक अनिश्चितता के बीच आया है. विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी सरकार के मौजूदा बंद और वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों ने सोने जैसी सुरक्षित निवेश परिसंपत्तियों में निवेश को बढ़ावा दिया है. दिल्ली सर्राफ़ा बाज़ार में सोने की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाया. पीली धातु ₹2,600 की छलांग लगाकर ₹1,26,600 प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गई. पिछले तीन दिनों में सोने की कीमतों में ₹6,000 की बढ़ोतरी हुई है, जिसका मुख्य कारण निवेशकों का सुरक्षित निवेश की ओर रुख़ है.
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9% शुद्धता वाले सोने की कीमतों में सोमवार को ₹2,700 की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई. इसके बाद, मंगलवार को यह ₹700 बढ़कर ₹1,24,000 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ. बुधवार को 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमतें ₹2,600 बढ़कर ₹1,26,000 प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गईं. पिछले कारोबारी सत्र में यह ₹1,23,400 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.
चाँदी भी तेज़ी से बढ़ी
इस बीच, चाँदी की कीमतों में भी तेज़ी देखी गई. बुधवार को चाँदी की कीमतें ₹3,000 बढ़कर ₹1,57,000 प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गईं. मंगलवार को चाँदी ₹1,54,000 प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. सोमवार को चाँदी ने अपना पिछला रिकॉर्ड स्तर ₹1,57,400 प्रति किलोग्राम छुआ था.
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वैश्विक बाजारों में सर्राफा की कीमतों में भी उछाल आया. हाजिर सोना (यानी तत्काल डिलीवरी वाला सोना) लगभग दो प्रतिशत बढ़कर 4,049.59 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच गया. कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी (कमोडिटी रिसर्च) कायनात चैनवाला ने कहा, “अमेरिकी अर्थव्यवस्था और सरकारी बंद की चिंताओं के बीच सुरक्षित निवेश की माँग के चलते हाजिर सोना पहली बार 4,000 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण स्तर को पार कर गया.”
उन्होंने आगे बताया कि यूक्रेन में भू-राजनीतिक तनाव, फ्रांस और जापान में राजनीतिक अस्थिरता, और जारी डेटा ब्लैकआउट के बीच फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों ने भी सोने की कीमतों में तेजी में योगदान दिया। वैश्विक बाजारों में हाजिर चांदी भी दो प्रतिशत से अधिक बढ़कर 48.99 डॉलर प्रति औंस के उच्च स्तर पर पहुँच गई।
यह स्थिति निवेशकों को संकेत देती है कि जब दुनिया में अनिश्चितता बढ़ती है, तो वे सोने जैसी सुरक्षित निवेश संपत्तियों में निवेश करना पसंद करते हैं। यह प्रवृत्ति सोने को एक विश्वसनीय निवेश विकल्प बनाती है, खासकर जब वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक माहौल अस्थिर हो.
भारत में सोना सिर्फ़ एक निवेश नहीं है
भारत में शादियों में सोने का चलन सिर्फ़ एक निवेश या आभूषण नहीं है; यह एक गहरी सांस्कृतिक, वित्तीय और सामाजिक परंपरा का हिस्सा है। सोने को अक्सर शादी की धुरी माना जाता है, जो सदियों से भारतीय शादियों का एक अनिवार्य हिस्सा रहा है. यह नवविवाहितों के लिए धन और सौभाग्य की कामना का प्रतीक है. मध्यम वर्ग और समाज के हाशिए पर पड़े लोगों पर सोने के बढ़ते दाम का सबसे ज्यादा असर पड़ता है.
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