8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी पिछले कुछ महीनों से इस उम्मीद में थे कि शायद 8वें वेतन आयोग के लागू होने से पहले ही उन्हें बड़ी राहत मिल जाए. इसके साथ ही सोशल मीडिया और कर्मचारी संगठनों के बीच यह चर्चा ज़ोरों से चल रही थी कि सरकार महंगाई भत्ता (DA) को मूल वेतन (Basic Pay) में मिला सकती है. लेकिन, अफसोस सरकार की तरफ से यह बयान सामने आया है कि जिसने इन अटकलों पर पूरी तरह से विराम लगा दिया है.
वित्त राज्य मंत्री ने दिया स्पष्टीकरण
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस मामले में लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी देते हुए बताया कि “इस समय महंगाई भत्ता को मूल वेतन में जोड़ने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचार के लिए नहीं है. दरअसल, यह जवाब सांसद आनंद भदौरिया के सवालों पर दिया गया था. भदौरिया ने सत्र के दौरान यह कहा था कि पिछले 30 सालों में महंगाई इतनी ज्यादा बढञ गई है कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाला DA और DR यानी महंगाई राहत नहीं दिया गैय. इसी वजह से कई कर्मचारी संगठन लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि कम से कम 50 फीसदी DA को मूल वेतन में जल्द से जल्द शामिल कर दिया जाए.
आर्थिक संतुलन और चुनावी चुनौतियां
वेतन संबंधित मामलों के विशेषज्ञ रोहिताश्व सिन्हा के मुताबिक, यह मामला केवल कर्मचारियों की भावनाओं का नहीं, बल्कि देश के आर्थिक संतुलन से भी जुड़ा हुआ है. “कर्मचारी यह दलील देते हैं कि महंगाई बढ़ने से उनकी वास्तविक आय घट चुकी है, लेकिन सरकार को कर्मचारियों की मांगों के साथ-साथ देश के आर्थिक अनुशासन को भी देखना होता है.”
क्या फिटमेंट फैक्टर पर हो सकता है विचार?
विशेषज्ञों के मुताबिक, DA को मूल वेतन में मिलाने की संभावना बेहद ही कम है, लेकिन सरकार फिटमेंट फैक्टर को मजबूत करने पर विचार करने के बारे में एक बार सोच ज़रूर सकती है. तो वहीं, फिटमेंट फैक्टर वह (Multiplier) है जिसके आधार पर भविष्य में DA और DR में वृद्धि तय की जाती है.
वर्तमान फिटमेंट फैक्टर: 2.57
अगर इसे बढ़ाकर 3.0 किया जाता है, तो मूल वेतन के साथ-साथ जुड़े सभी भत्ते, जैसे कि HRA (मकान किराया भत्ता), TA (परिवहन भत्ता) और अन्य विशेष भत्ते भी तेज़ी से बढ़ जाते हैं. इस मामले में विशेषज्ञ रोहिताश्व सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि “अगर फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़कर 3.0 हो जाए, तो शुरुआती स्तर का मूल वेतन 15–20 फीसदी तक भी पूरी तरह से और साथ ही तेज़ी से भी बढ़ सकता है”. उन्होंने आगे कहा कि पेंशन पाने वालों को भी समान लाभ मिलेगा, क्योंकि पेंशन हमेशा नए संशोधित मूल वेतन के 50 फीसदी के आधार पर ही लोगों को दी जाती है”.
7वें वेतन आयोग की अवधि होगी समाप्त?
जानकारी के मुताबिक, सातवें वेतन आयोग की अवधि 31 दिसंबर को समाप्त होने जा रही है. ऐसे में सभी कर्मचारियों के मन में यह सवाल है कि जब तक 8वां वेतन आयोग लागू नहीं होता, तब तक DA और DR किस आधार पर बढ़ते रहेंगे. जिसपर विशेषज्ञ रोहिताश्व सिन्हा ने बताया कि कर्मचारी अब सरकार की तरफ से आगे के जवाबों का इंतज़ार कर रहे हैं.”
सरकार ने लोगों को क्या दिलाया भरोसा?
तो वहीं, आखिरी में सरकार ने लोगों को यह भरोसा दिलाया है कि DA और DR की पुनरीक्षा (Revision) हर छह महीने में की जाती रहेगी, जिससे महंगाई की वजह वेतन और पेंशन की वास्तविक कीमत किसी भी हालत में घट नहीं पाए. दरअसल, AICPI-IV (औद्योगिक श्रमिकों के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) के आधार पर किया जाएगा, जिसे श्रम ब्यूरो लगातार जारी किया जाता है.