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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, अब आसानी से नहीं घटेगी पेंशन और फैमिली पेंशन!

केंद्र सरकार (Central Government) ने आदेश दिया है कि स्पष्ट गलती के बिना पेंशन (Pension) या पारिवारिक पेंशन (Family Pension) नहीं घटाई जाएगी. दो साल बाद गलती पाए जाने पर DoPPW की मंजूरी अनिवार्य होगी, जिससे पेंशनधारकों (Pensioners)को बड़ी राहत मिली है.

By: DARSHNA DEEP | Last Updated: November 4, 2025 8:16:47 PM IST



Central Government Big Decision: केंद्र सरकार ने करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को एक बड़ी राहत देते हुए यह साफ कर दिया है कि एक बार अंतिम रूप से तय की गई पेंशन और पारिवारिक पेंशन को घटाया नहीं जा सकेगा. पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) द्वारा 30 अक्टूबर 2025 को जारी किए गए इस महत्वपूर्ण आदेश के मुताबिक, पेंशन में तभी कटौती की जा सकती है जब कोई स्पष्ट लेखन या फिर गणना संबंधी गलती (clerical or Calculation Error) पाई जाए. 

नई व्यवस्था का क्या है अहम बिंदु ?

इस नई व्यवस्था का एक अहम बिंदु यह है कि यदि पेंशन या पारिवारिक पेंशन में कोई त्रुटि दो साल से ज्यादा समय बाद पाई जाती है, तो उसे कम करने से पहले DoPPW से मंजूरी लेना बेहद ही अनिवार्य होगा. यह कदम इसलिए भी उठाया गया है क्योंकि पहले कई मामलों में सेवानिवृत्ति के कई साल बाद भी विभाग “त्रुटिपूर्ण गणना” का हवाला देकर पेंशन घट जाता था या रिकवरी नोटिस भेजता था, जिससे बुजुर्ग पेंशनरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

भुगतान के संबंध में विभाग ने क्या दिया स्पष्टीकरण 

अतिरिक्त भुगतान के संबंध में भी विभाग ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि अगर किसी पेंशनर को गलती से ज्यादा भुगतान मिल जाता है और इसमें उसकी कोई गलती या गलत जानकारी शामिल नहीं है, तो संबंधित मंत्रालय को व्यय विभाग (Expenditure Department) से परामर्श करके यह तय करना होगा कि वह राशि वापस ली जाए या फिर माफ की जाए.  

अगर वसूली का फैसला लिया जाता है, तो पेंशनर को दो महीने का नोटिस भी दिया जाएगा, और राशि भविष्य की किस्तों से धीरे-धीरे वसूली जा सकती है. 

पेंशन विभाग ने सभी विभागों को दिए सख्त आदेश 

पेंशन विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों को इन नियमों का सख्ती से पालन करने का सख्त से सख्त निर्देश दिया है, ताकि पारदर्शिता आए और पेंशनरों को किसी भी हाल में असुविधाओं का सामना नहीं करना पड़े. यह फैसला सरकारी पेंशन प्रणाली में विश्वास और भरोसा बढ़ाने में सहायक होगा. 

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