ICICI MAB Limit: आईसीआईसीआई बैंक ने शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए न्यूनतम औसत बैलेंस (एमएबी) की सीमा ₹50,000 से घटाकर ₹15,000 कर दी है। ग्राहकों की भारी नाराजगी के बाद यह फैसला लिया गया है। इससे पहले बैंक ने इसे ₹10,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया था। नई सीमा अभी भी पुरानी सीमा से ₹5,000 ज़्यादा है।
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अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी राहत
अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए न्यूनतम औसत बैलेंस ₹25,000 से घटाकर ₹7,500 कर दिया गया है। वहीं, ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के पुराने ग्राहकों के लिए यह ₹5,000 ही रहेगा।
आईसीआईसीआई की सीमा अन्य बैंकों से अलग है
आईसीआईसीआई बैंक का हालिया कदम अन्य बैंकों के रुख से अलग है। भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने 2020 में न्यूनतम बैलेंस नियम को खत्म कर दिया था। जबकि अधिकांश अन्य बैंक न्यूनतम बैलेंस सीमा ₹2,000 से ₹10,000 के बीच रखते हैं।
हाल ही में नियम में बदलाव के कारण न्यूनतम बैलेंस बढ़ा
हाल ही में, ICICI बैंक ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए बचत खाते में न्यूनतम राशि यानी न्यूनतम औसत बैलेंस की सीमा में बड़ा इजाफा किया था। पहले की तुलना में इसे 5 गुना बढ़ाकर ₹10,000 से ₹50,000 कर दिया गया था। बैंक ने स्पष्ट किया था कि यह बदलाव केवल उन्हीं खातों पर लागू होगा जो 1 अगस्त, 2025 से खोले गए हैं। इस बदलाव के बाद ग्राहकों की ओर से विरोध शुरू हो गया था।
ये घटी हुई सीमाएँ कब से लागू होंगी?
बढ़ी हुई सीमाएँ 1 अगस्त से लागू हुई थीं और अब घटी हुई सीमाएँ भी उसी तारीख से प्रभावी होंगी। ICICI बैंक ने स्पष्ट किया है कि यह नई सीमा वेतन खातों, वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनभोगियों के खातों पर लागू नहीं होगी। साथ ही, यह नियम 31 जुलाई से पहले खोले गए बैंक खातों पर भी लागू नहीं होगा।
न्यूनतम बैलेंस शुल्क क्यों लगाया जाता है?
आजकल बैंक अपने ग्राहकों को एटीएम, मोबाइल बैंकिंग और ग्राहक सहायता जैसी कई सुविधाएँ प्रदान करते हैं। इसके साथ ही, बैंक को अपने कार्यालय चलाने, कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने और डिजिटल सेवाओं के सुचारू संचालन की ज़िम्मेदारी भी उठानी पड़ती है। इन खर्चों को पूरा करने के लिए, बैंक कई तरह के शुल्क लगाते हैं, जिनमें न्यूनतम शेष राशि पर शुल्क भी शामिल है।

