8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की अधिसूचना जारी की. इसके साथ ही न्यायमूर्ति रंजन गोगोई देसाई की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय पैनल का भी गठन किया गया. लगभग 10 महीनों के लंबे इंतज़ार के बाद सरकार ने आखिरकार 8वें वेतन आयोग के लिए संदर्भ की शर्तें (ToR) जारी कर दी हैं, जिसके आधार पर यह पैनल देश भर के 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन ढांचे का निर्धारण करेगा.
ToR पर क्या बोले कर्मचारी संघ? (What did the employees union say on ToR?)
अधिसूचना जारी होते ही कई कर्मचारी संघों ने ToR पर आपत्ति जताई है. अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF) ने सबसे पहले सरकार को पत्र लिखकर कई प्रमुख बिंदुओं में चूक और विसंगतियों का आरोप लगाया. इसके अलावा एक अन्य प्रमुख संघ केंद्रीय सरकारी कर्मचारी एवं श्रमिक परिसंघ (CCGEW) ने भी इन चिंताओं को दोहराया है. सीसीजीईडब्ल्यू लगभग 800,000 केंद्र सरकार के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है, जिनमें डाक, आयकर, लेखा परीक्षा, सर्वेक्षण, सीजीएचएस, सीपीडब्ल्यूडी, जनगणना, बीएसआई, जीएसआई, इसरो आदि विभागों के कर्मचारी शामिल हैं.
यह भी पढ़ें :-
8th Pay Commission के लागू होने तक DA, HRA और TA का क्या होगा? यहां जानें- विशेषज्ञों की राय
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में क्या-क्या मुद्दे उठाए गए? (What issues were raised in the letter written to the Prime Minister?)
CCGEW ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखकर कहा है कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के हितों की रक्षा के लिए कार्य-अवधि के कुछ प्रमुख पहलुओं में संशोधन की आवश्यकता है. संघ ने स्पष्ट रूप से कहा कि हम 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के संदर्भ की शर्तों (ToR) में आवश्यक संशोधन की मांग करते हैं.
पेंशन संबंधी मुद्दों पर गंभीर प्रश्न (Serious questions on pension issues)
संघ का कहना है कि कार्य-अवधि 69 लाख पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों के मुद्दों पर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं देती है.
पत्र में कौन-कौन से मुद्दों को उठाया गया है? (What issues have been raised in the letter?)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए पत्र में जिन बिंदुओं को लेकर चिंता व्यक्त की गईं हैं. वो इस प्रकार हैं.
- विभिन्न पेंशन योजनाओं के अंतर्गत पेंशन और अन्य पेंशन लाभों में संशोधन.
- कार्य-अवधि से “गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की अवैतनिक लागत” जैसे शब्दों को हटाया जाए.
- पुरानी पेंशन योजना (OPS), एकीकृत पेंशन योजना और NPS के लगभग 69 लाख पेंशनभोगियों के लिए पेंशन संशोधन, पेंशन समता, कम्यूटेशन की बहाली आदि पर TOR में कोई स्पष्ट नीति नहीं है.
यह भी पढ़ें :-