8th Pay Commission Latest News: कुछ ही दिनों में दिवाली मनाया जाएगा. दिवाली के त्योहारों के बीच सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग पर स्पष्टता का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं. कार्यान्वयन की अवधि शुरू होने में बस कुछ ही महीने बचे हैं, उम्मीदें आसमान छू रही हैं, लेकिन प्रमुख विवरणों पर सरकार की चुप्पी ने कई लोगों को इस बात को लेकर अनिश्चित बना दिया है कि वेतन वास्तव में कब और कितना बढ़ेगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 जनवरी, 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को हरी झंडी दे दी. हालांकि, आधिकारिक मंज़ूरी के बावजूद केंद्र ने अभी तक आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों या सभी महत्वपूर्ण कार्य-अवधि (ToR) की घोषणा नहीं की है.
ToR के बिना अधर में अटका हुआ है आठवां वेतन आयोग
ToR में पैनल के कार्यक्षेत्र का विवरण होता है, जिसमें वेतन संरचना, भत्ते और सेवानिवृत्ति लाभ शामिल हैं, ये आवश्यक विवरण हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि आयोग अपना काम कब शुरू कर सकता है. ToR के बिना आयोग अधर में लटका हुआ है, जिससे समय पर वेतन संशोधन की कोई संभावना नहीं है. फिलहाल, आधिकारिक कार्यान्वयन तिथि 1 जनवरी, 2026 निर्धारित है, लेकिन प्रक्रियात्मक देरी को देखते हुए, विशेषज्ञों का सुझाव है कि वास्तविक कार्यान्वयन 2027 तक भी जारी रह सकता है.
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8वां वेतन आयोग कब तक होगा लागू?
पिछला अनुभव बताता है कि आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को लेकर वेतन आयोगों के गठन से लेकर कार्यान्वयन तक में आमतौर पर दो से तीन साल लगते हैं. उदाहरण के तौर पर देखें तो 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में हुआ था और इसने नवंबर 2015 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. संशोधित वेतनमान प्रक्रिया शुरू होने के लगभग तीन साल बाद, जनवरी 2016 में लागू हुए. यदि 8वां वेतन आयोग 2026 की शुरुआत में काम करना शुरू करता है तो हो सकता है कि वह 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत से पहले अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत न कर पाए.
उसके बाद सरकार आमतौर पर सिफारिशों की समीक्षा और अनुमोदन में छह महीने से एक साल तक का समय लेती है. इसका मतलब है कि सरकारी कर्मचारियों को संशोधित वेतन संरचना वास्तविक रूप से 2027 के मध्य या 2028 की शुरुआत तक ही देखने को मिल सकती है.
कितने लाख कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
भारत का मध्यम वर्ग खासकर 1.2 करोड़ केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी, बढ़ती जीवन-यापन लागत के बीच राहत का इंतज़ार कर रहे हैं. पिछले एक साल में, सरकार ने कर राहत और त्योहारी प्रोत्साहनों के ज़रिए कुछ वित्तीय मदद देने की कोशिश की है. 2025-26 के केंद्रीय बजट में 1 लाख करोड़ रुपये की आयकर छूट की घोषणा की गई थी, जिससे सालाना 12 लाख रुपये तक की कमाई करने वाले व्यक्ति प्रभावी रूप से कर-मुक्त हो गए.
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