8th Pay Commission Latest News: केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग की प्रक्रिया को आधिकारिक रूप से मंजूरी देकर लगभग 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को काफी राहत दे दी है. सरकार ने आयोग के कार्यक्षेत्र (ToR) को अंतिम रूप दे दिया है, जिसके तहत आयोग को अगले 18 महीनों के भीतर केंद्र सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपनी होंगी. हालांकि, ये जानकारी सामने आ रही है कि नया वेतन 1 जनवरी, 2026 से प्रभावी होगा. आसान शब्दों में इसका अर्थ समझने का प्रयास करें तो आयोग अपनी सिफारिशें सौंपने में जितनी देर करेगा, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उतना ही ज्यादा लाभ होगा.
मासिक बकाया राशि का भुगतान करेगी सरकार (The government will pay the monthly dues)
1 जनवरी, 2026 से नया वेतन प्रभावी होगा, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि सरकार कर्मचारियों को मासिक बकाया राशि का भुगतान करेगी. आसान भाषा में समझाने का प्रयास करें तो आयोग अगर अप्रैल में सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपता है और सरकार उन्हें मंज़ूरी देने में कुछ समय लेती है, और कर्मचारियों को मई में वेतन मिलना शुरू हो जाता है. हालांकि, उन्हें केवल उस महीने का बढ़ा हुआ वेतन ही नहीं मिलेगा; यह जनवरी से शुरू होकर जोड़ा जाएगा.
मान लीजिए कि बढ़ा हुआ वेतन अगले साल जुलाई में कर्मचारियों के खातों में जमा होना शुरू होता है, तो उन्हें जनवरी से जून तक का बकाया मिलेगा. बकाया राशि की गणना बढ़े हुए मूल वेतन और उस मूल वेतन के आधार पर गणना किए गए मकान किराया भत्ते को जोड़कर की जाएगी.
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कितना होगा फिटमेंट फैक्टर? (8th Pay Commission Fitment Factor)
विशेषज्ञों के अनुसार 8वें वेतन आयोग में 2.47% का फिटमेंट फैक्टर अनुशंसित है. नया न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹44,460 हो गया है, यानी मूल वेतन में ₹26,460 की वृद्धि. अब मान लीजिए कि कर्मचारी किसी महानगर में रहता है, तो उसे नए मूल वेतन का 30%, यानी ₹13,338, मकान किराया भत्ता मिलेगा. एक महीने में कुल वृद्धि ₹37,798 है. अब, इसे जनवरी से जून तक जोड़ें.
जुलाई में कितनी सैलरी बढ़कर आएगी? (How much will the salary increase in July?)
छह महीनों में कुल राशि ₹226,788 होगी. जुलाई में आपका बढ़ा हुआ वेतन ₹44460 + ₹13338 = ₹57,798 होगा. अब इसमें ₹226,788 का बकाया जोड़ दें. इस हिसाब से जुलाई में आपके खाते में कुल ₹2,84,586 जमा हो जाएंगी। इसलिए विशेषज्ञों द्वारा कहा जा रहा है कि सिफारिश जितनी ज्यादा देर से होगी, यह राशि उतनी ही ज्यादा बढ़ेगी. डीए भी एक कारक है, जिसे हमने गणना के लिए शून्य रखा है.
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