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Diwali2025: जानकर चौंक जाएंगे, ट्रैफिक बढ़ने से ड्राई फ्रूट्स के दाम क्यों आसमान छू रहे हैं

दिवाली के नज़दीक आते ही ड्राई फ्रूट्स की खरीदारी अपने चरम पर पहुंच जाती है. टैरिफ और महंगाई के बावजूद बाजार में ड्राई फ्रूट्स की कोई कमी नहीं है।[. लोग स्वास्थ्य और स्वाद दोनों के लिए इनकी खरीदारी में पीछे नहीं रहते.

By: Komal Singh | Last Updated: October 14, 2025 10:08:56 AM IST



त्योहारों का मौसम आते ही ड्राई फ्रूट्स की मांग भारत के हर बाजार में तेजी से बढ़ जाती है. बादाम, काजू, पिस्ता, किशमिश और अखरोट न केवल मिठाइयों और गिफ्ट बॉक्स का अहम हिस्सा बनते हैं, बल्कि इन्हें शुभता और सेहत दोनों का प्रतीक माना जाता है. इस साल, हालांकि, ड्राई फ्रूट्स मार्केट में एक बड़ा बदलाव देखा गया है.महंगाई के बावजूद ड्राई फ्रूट्स की मिठास बरकरार है. यह भारतीय बाजार की ताकत और उपभोक्ताओं की परंपराओं के प्रति भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है. आइए जानते हैं कि आखिर किन कारणों से बढ़ती कीमतों के बावजूद यह बाजार अभी भी उतना ही गर्म और सफल बना हुआ है.

 

टैरिफ का सीधा असर आया कीमतों पर

 अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ ने भारत में ड्राई फ्रूट्स की आयात लागत बढ़ा दी. उन मेवों पर अतिरिक्त टैक्स लग गए हैं, जिससे उन्हें भारत लाना महंगा हो गया. यह अतिरिक्त लागत वितरित बिचौलियों और दुकानदारों तक पहुंची और परिणामस्वरूप खुदरा कीमतें बढ़ीं. खास तौर पर विदेशी मेवे जैसे बादाम, अखरोट की कीमतों में उल्लेखनीय उछाल देखा गया. यानी, आपका त्योहार स्वादिष्ट होगा, लेकिन थाली की कीमत और भारी हुई है.

 

आयोगों ने आयात को आसान बनाया

 यद्यपि टैरिफ बढ़े हैं, भारत सरकार और ड्राई फ्रूट्स इंडस्ट्री ने नए ट्रेड एग्रीमेंट्स बनाए हैं जो कुछ उत्पादों के आयात को आसान बनाते हैं. ये एग्रीमेंट्स विशेष देशों से मेवों पर टैक्स को कम करने या छूट देने का प्रावधान रखते हैं. इस वजह से जिन स्रोतों से अभी तक मेवे लाए जाते थे, वहाँ से निरंतर सप्लाई बनी हुई है, और बाजार सूखा नहीं दिखा. इन सुधारों ने आपूर्ति-श्रृंखला को स्थिर बनाए रखा है.

 

 आयातकों ने कस्टम क्लियरेंस में देरी की

 कुछ आयातक भारतीय व्यापारियों ने कस्टम क्लियरेंस धीमा किया है, ताकि वे नए टैक्स नियमों की पुष्टि कर सकें. कहा जा रहा है कि यदि टैक्स दरों में कटौती हो जाए, तो पहले क्लियर करने वालों को नुकसान हो सकता है. इसलिए वे इंतजार कर रहे हैं. इस देरी ने सप्लाई में थोड़ी अनिश्चितता लायी है, लेकिन बाजार में कुल कमी नहीं आई क्योंकि कई स्रोत पहले ही स्टॉक कर लिए गए थे.

 

 

 

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