कहते हैं कि सफलता रातोंरात नहीं मिलती, लेकिन सही दिशा, लगन और कड़ी मेहनत हर मंज़िल तक पहुँचाती है. बिहार की मूल निवासी संस्कृति त्रिवेदी ने इस बात को सच कर दिखाया। यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 17 हासिल करने वाली संस्कृति की कहानी केवल अंक और रैंक की नहीं है, बल्कि सपनों को पाने के लिए निरंतर प्रयास, आत्म-नियंत्रण और जुनून की कहानी है. उनके संघर्ष और दृढ़ इच्छाशक्ति से भरी यात्रा हर उस छात्र के लिए प्रेरणा बन सकती है, जो अपने सपनों को सच करना चाहता है.
2024 में यूपीएससी टॉपर, अखिल भारतीय रैंक-17
संस्कृति ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में अखिल भारतीय रैंक 17 प्राप्त करके इतिहास रच दिया. हालाँकि यह उनका छठा प्रयास था, लेकिन संस्कृति ने वैकल्पिक विषय के रूप में राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध (PSIR) को चुना था.
2022 में 352वीं रैंक प्राप्त की
संस्कृति ने 2022 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा पास की, 352वीं रैंक प्राप्त की और भारतीय रक्षा लेखा सेवा में शामिल हुईं. हालाँकि, उनका लक्ष्य बड़ा था, और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी जारी रखी.
संस्कृति बताती हैं कि यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास करने के लिए उन्होंने रोज़ाना 15 घंटे पढ़ाई की. यह असंभव था, लेकिन समय प्रबंधन और अनुशासन उनके लिए सर्वोपरि थे. सफलता के लिए निर्देशित प्रयास और समय का उचित उपयोग आवश्यक है.
उन्होंने डीयू के गार्गी कॉलेज से पढ़ाई की
एक साक्षात्कार में, संस्कृति त्रिवेदी ने बताया कि वह बिहार के जमुई जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज से पढ़ाई की. उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर यूपीएससी परीक्षा दी.

