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Seat Samikaran: बरहरा में इस बार किसकी गलेगी दाल? यहां जनता हर बार बदल देती है पार्टी

बिहार की राजनीति में बड़हरा विधानसभा सीट ने कई बार सत्ता की दिशा बदली है. राजद, भाजपा और जदयू, सबका इस सीट पर अपना दौर रहा

By: Shivani Singh | Published: October 28, 2025 11:47:58 PM IST



बिहार की राजनीति में भोजपुर की अपनी अलग पहचान रही है. यहाँ की सियासी जमीन जातीय संतुलन, पुराने निष्ठावान वोट बैंक और चेहरे बनाम पार्टी की छवि तीनों का असर साफ दिखता है. इन्हीं में से एक है बड़हरा विधानसभा सीट, जहाँ सत्ता की बागडोर चुनाव-दर-चुनाव बदलती रही है. कभी कांग्रेस, कभी जनता दल, कभी राजद और हाल ही में भाजपा… इस सीट ने कई बार रुझानों और राजनीतिक हवाओं का रुख बदलते देखा है. लेकिन सवाल ये है कि यह सीट बार-बार हाथ क्यों बदलती है? किसकी पकड़ यहाँ आज सबसे मज़बूत मानी जाती है.

दरअसल, भोजपुर बिहार के 38 जिलों में से एक है भोजपुर जिला तीन अनुमंडलों और 14 प्रखंडों में विभाजित है। जिले में सात विधानसभा सीटें हैं: संदेश, बरहरा, आरा, अगिआंव (एससी), तरारी, जगदीशपुर और शाहपुर. हमारी “सीट समीकरण” श्रृंखला में, हम बरहरा विधानसभा सीट पर चर्चा करेंगे. बरहरा विधानसभा सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुए थे.

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किसने कब चुनाव जीता?

1952 – अखिल भारतीय राम राज्य परिषद के राम बिलास सिन्हा जीते

1967 – कांग्रेस के अंबिका शरण सिंह जीते

1969 – निर्दलीय महंत महादेव नंद गिरि जीते

1972 – कांग्रेस (ओ) के रामविलास सिंह जीते

1977 – जनता पार्टी के अंबिका शरण सिंह जीते

1980 – कांग्रेस (आई) के रामजी प्रसाद जीते

1985 – जनता पार्टी के राघवेंद्र प्रताप सिंह जीते

1990 – जनता दल के राघवेंद्र प्रताप सिंह जीते

1995 – जनता दल के राघवेंद्र प्रताप सिंह बरहरा से तीसरी बार जीते

2000 – राजद के राघवेंद्र प्रताप सिंह जीते

फरवरी 2005 – जदयू की आशा देवी जीती

अक्टूबर 2005 – जदयू की आशा देवी बरहरा से फिर जीतीं

2010 – राजद के राघवेंद्र प्रताप सिंह जीते

2015 – राजद की सरोज यादव जीतीं

2020 – भाजपा के राघवेंद्र प्रताप सिंह जीते

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