Digital India: डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट किया है। पीएम मोदी ने लिखा ‘पिछले 10 सालों में भारत ने डिजिटल इंडिया अभियान के जरिए खुद को दुनिया की डिजिटल राजधानी के तौर पर स्थापित किया है। 1 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी योजना ने न सिर्फ देश के करोड़ों नागरिकों को तकनीक से जोड़ा है, बल्कि शासन, अर्थव्यवस्था और समाज में पारदर्शिता और जवाबदेही की नई इबारत भी लिखी है।’ ऐसे में डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट किया है।
अपनी पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, “आज एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हम #10YearsOfDigitalIndia का जश्न मना रहे हैं! दस साल पहले, डिजिटल इंडिया की शुरुआत हमारे देश को डिजिटल रूप से सशक्त और तकनीकी रूप से उन्नत समाज में बदलने की पहल के रूप में की गई थी।
भारत वैश्विक डिजिटल नेतृत्व की ओर बढ़ेगा
उन्होंने लिखा, ‘एक दशक के बाद, हम एक ऐसी यात्रा के साक्षी हैं, जिसने अनगिनत लोगों के जीवन को छुआ है और सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत की है। 140 करोड़ भारतीयों के सामूहिक संकल्प से प्रेरित होकर, भारत ने डिजिटल भुगतान में कई कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों को भी इस पहल से लाभ हुआ है।’
In 2015, PM @narendramodi launched Digital India to make technology accessible for all.
A decade later, India leads in real-time digital payments, has one of the fastest 5G rollouts, and is building future-ready tech like AI and semiconductors. Whether it’s a remote village or… pic.twitter.com/ECnF8YoRAs
— MyGovIndia (@mygovindia) July 1, 2025
डिजिटल इंडिया अभियान के तहत आज 95 प्रतिशत से ज़्यादा गांवों तक इंटरनेट पहुंच चुका है। 2014 में जहां 37.77 करोड़ ग्रामीण टेलीफोन कनेक्शन थे, वहीं 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 53.66 करोड़ होने की उम्मीद है। इसके साथ ही इंटरनेट यूजर्स की संख्या भी 2014 के 25 करोड़ से बढ़कर 2025 में 97 करोड़ होने की उम्मीद है। यानी 288 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
डिजिटल इंडिया ने शासन, अर्थव्यवस्था और समाज में पारदर्शिता बढ़ाई है
भारत का अपना यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) आज यूएई, सिंगापुर, फ्रांस, भूटान, नेपाल, श्रीलंका और मॉरीशस जैसे देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है। मई 2025 में UPI के जरिए रिकॉर्ड 25.14 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ, जो एक खामोश क्रांति की गवाही देता है। बिल गेट्स ने भारत की UPI और आधार प्रणाली को “डिजिटल गवर्नेंस का स्वर्ण मानक” बताया है।
इसके साथ ही, अब तक DBT के जरिए 44 लाख करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों तक पहुंच चुके हैं। इस प्रणाली ने सरकार को 3.48 लाख करोड़ रुपये बचाए हैं, जिसमें से 1.85 लाख करोड़ रुपये अकेले खाद्य सब्सिडी से बचाए गए हैं। इसके जरिए 5.87 करोड़ फर्जी राशन कार्ड और 4.23 करोड़ फर्जी एलपीजी कनेक्शन रद्द किए गए हैं।
भारतनेट योजना ने 2.18 लाख ग्राम पंचायतों को हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराया है। पीएमजीदिशा ने 4.78 करोड़ ग्रामीणों को डिजिटल साक्षरता प्रदान की है। दिलचस्प बात यह है कि 45 % स्टार्टअप टियर-2 और टियर-3 शहरों से आ रहे हैं, जिससे देश के ग्रामीण क्षेत्र डिजिटल इनोवेशन का नया केंद्र बन रहे हैं।