Home > उत्तर प्रदेश > उत्तर प्रदेश की शेरनी शिवानी; 21 की उम्र में रजत पदक के साथ मिली हेड कांस्टेबल की पदवी

उत्तर प्रदेश की शेरनी शिवानी; 21 की उम्र में रजत पदक के साथ मिली हेड कांस्टेबल की पदवी

उत्तर प्रदेश की शिवानी ने पांच महीने में BSF में प्रमोशन हासिल किया, वुशु में रजत पदक जीता और 21 वर्ष की उम्र में इतिहास रच दिया. बड़ी बात की वो एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं.

By: Team InKhabar | Published: October 24, 2025 4:55:58 PM IST



BSF Constable Success Story: उत्तर प्रदेश के दादरी शहर ने एक शेरनी को जन्म दिया है. जिसका नाम शिवानी है, शिवानी की उम्र महज 21 वर्ष है, और उन्होंने ऐसा चमत्कार किया है जो किसी भी आम आदमी के लिए करना लगभग नामुमकिन है. शिवानी ने ज्वॉइनिंग के पांच महीने के अंदर ही BSF में  हेड कांस्टेबल के पद पर प्रमोशन मिला है. प्रमोशन हासिल करके इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया है.

सिर्फ 5 महीने में प्रमोशन 

ये कहना गलत नहीं की आज-कल की लड़कियां लड़कों से कदम से कदम मिला के चलने के साथ-साथ उनसे आगे भी निकलती जा रही हैं, इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण यूपी की शिवानी हैं शिवानी ने BSF में शामिल होने के पांच महीने के अंदर-अंदर प्रमोशन पा लिया है. ऐसी घटना लगभग 60 वर्षों के बाद पहली बार हुआ है.

शिक्षा और ट्रेनिंग 

शिवानी की प्रारंभिक शिक्षा गावं से पूरी हुई, जहां से कई बार सपनों को पूरा करने का हौसला कम हो जाता है, ऊपर से शिवानी के पिता बढ़ई का काम करते हैं परिवार की आर्थिक स्थिति भी सामान्य ही थी लेकिन शिवानी ने कभी हार नहीं मानी उसने अपने लक्ष्य तय किए और उसके पीछे पूरी लगन से मेहनत करती रही. शिवानी बताती हैं की इसी साल (2025) में जून महीने में बीसीएफ ज्वॉइन किया था. और वह हर दिन करीब 4 घंटे ट्रेनिंग लेती हैं.

शिवानी ने जीता रजत पदक 

धीरे- धीरे समय बीतता गया और कुछ वर्षों बाद जब उसने वुशु खेल में हिस्सा लिया और ब्राजील में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीत कर देश का नाम रोशन किया.वहां से ही उसकी जिंदगी बदल गई और उस जीत के बाद उसे सीमा सुरक्षा बल में हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत कर दिया गया.

लगन और दृढ़ संकल्प 

यह प्रमोशन सामान्य प्रक्रिया से अलग था क्योंकिआमतौर पर इस पद तक पहुंचने में कई साल लग जाते हैं और कभी कभी तो दशक से ज्यादा, लेकिन शिवानी ने महज 21 साल की उम्र में यह मुकाम हासिल किया. उनके इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प की एक लंबी कहानी छुपी है. शिवानी की कहानी से हमें ये पता चलता है की अगर ठान लिया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं  

Advertisement