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Chhath Puja Arghya: छठ पूजा में क्यों दिया जाता है उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य? जानें क्या है दोनों में अंतर

Chhath Puja Arghya Significance: छठ पूजा में दो बार सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. इसमें एक बार उगते हुए और एक बार डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. चलिए जानते हैं यहां क्या है छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व और दोनों में अंतर

By: chhaya sharma | Last Updated: October 24, 2025 5:21:52 PM IST



Chhath Puja Arghya Importance: कल यानी 25 अक्टूबर शनिवार से छठ पूजा से शुरुआत हो रही है, इसका समापन 28 अक्टूबर को होगा. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में विशेष पूजन और अनुष्ठान किया जाता है. छठ पूजा के त्योहार की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है और छठ में सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा की जाती है.

छठ पूजा में बेहद महत्वपूर्ण है सूर्य देव को अर्घ्य देना 

छठ के महापर्व में सूर्य देव को अर्घ्य देना सबसे महत्वपूर्ण होता है, जिसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. छठ पूजा में सूर्य देव को दो बार अर्घ्य देने की परंपरा होती है, जिसमें एक बार उगते हुए और एक बार डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. चलिए जानते हैं यहां क्या है छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व और दोनों में अंतर 

छठ पूजा में होती है दो बार सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा

छठ पूजा में सूर्य देव को पहला अर्घ्य संध्या डूबते हुए सूर्य को दिया जाता है, जो 27 अक्टूबर 2025 कोदिया जाएगा. वहीं दूसरा अर्घ्य प्रातःकाल में उदयमान सूर्य को दिया जाता है, जो 28 अक्टूबर को दिया जायेगा है. 

छठ में  सूर्य को क्यों दिया जाता है दो बार अर्घ्य, जानें गहरा रहस्य 

छठ में डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का अर्थ-  छठ में पहला अर्घ्य सूर्यास्त के समय यानी जब दिन समाप्त हो रहा हो और सूर्य धीरे-धीरे अस्त हो. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि यह इस बात का संदेश है कि, जीवन में जो भी मिला, उसका आभार करें. साथ ही संध्या अर्घ्य यह भी सिखाता है कि- हर अंत का अर्थ हार या समाप्ति नहीं है, बल्कि एक नए आरंभ भी होता है.

छठ में उगते सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व-  छठ में दूसरा अर्घ्य उगते सूर्य को दिया जाता है, जिसे नए प्रकाश, नई शुरुआत और नई ऊर्जा का प्रतिक माना जाता है. जैसे रात के अंधकार के बाद सूरज फिर से उगता है, वैसे ही जीवन में अंधेरे के बार रोशनी का संचार होता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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