Chhath Puja During Pregnancy: हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से छठ पूजा का महापर्व शुरू होता है. इस व्रत में 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा जाता है. उत्तर भारत में लोग बड़े ही आस्था और श्रद्धा के साथ छठ की पूजा करते हैं. यूपी-बिहार की लगभग हर महिला छठ का व्रत रखती है. ये व्रत काफी कठिन होता है क्योंकि 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखा जाता है. इसलिए सवाल ये आता है कि क्या इसे प्रेगनेंट महिलाएं रख सकती हैं?
प्रेगनेंसी में छठ पूजा कैसे करें?
- गर्भवती महिलाओं के लिए ये कठिन निर्जला व्रत करना सही नहीं है.
- डॉक्टर की सलाह से प्रेगनेंट महिलाएं फलाहार या हल्का तरह आहार (जैसे नारियल, पानी, दूध, साबूदाना) ले सकती हैं.
- प्रेगनेंट महिलाएं सुबह के समय अर्घ्य दें और संध्या अर्घ्य दें, उन्हें पूरे दिन खड़े रहने की आवश्यकता नहीं हैं
- पूजा की तैयारी में परिवार के सदस्यों से मदद ले सकती हैं.
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प्रेगनेंट महिलाएं व्रत में क्या खाएं?
गर्भवती महिलाओं को छठ व्रत रखने की सलाह आमतौर पर नहीं दी जाती है, क्योंकि इससे मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. हालांकि, यदि कोई महिला श्रद्धा और इच्छा से व्रत रखना चाहती है, तो उसे यह व्रत निर्जला नहीं रखना चाहिए. ऐसे में महिलाएं व्रत के दौरान हल्का फलाहार ले सकती हैं और समय-समय पर फल, नारियल पानी या नींबू पानी का सेवन करती रहें, ताकि शरीर में ऊर्जा की कमी न हो. छठ पूजा में लंबे समय तक जल में खड़े रहने की परंपरा होती है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान ऐसा करने से पैरों में सूजन या थकान बढ़ सकती है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वे अपनी सेहत का ध्यान रखें और आवश्यक सावधानियां जरूर बरतें.
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. इनखबर इस बात की पुष्टि नहीं करता है)