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कभी इतना शालीन था भोजपुरी सिनेमा, इस स्टार ने बस 5 लाख में बनाई थी पहली ही सुपरहिट फिल्म, फिर अब क्यों हो रही अश्लीलता की हद पार?

Bhojpuri Movie: आज जहां भोजपुरी सिनेमा ग्लैमर और मसालों से भर गया है, वहीं इसकी शुरुआत एक बेहद सादगीभरे और समाजिक सोच से जुड़ी फिल्म से हुई थी।

By: Yogita Tyagi | Published: July 1, 2025 4:49:47 PM IST



Bhojpuri Movie: आज जहां भोजपुरी सिनेमा ग्लैमर और मसालों से भर गया है, वहीं इसकी शुरुआत एक बेहद सादगीभरे और समाजिक सोच से जुड़ी फिल्म से हुई थी। साल 1963 में आई पहली भोजपुरी फिल्म ‘गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो’ ने सिनेमा के माध्यम से समाज में नई सोच की नींव रखी थी। इस फिल्म का उद्देश्य महज मनोरंजन नहीं, बल्कि विधवा पुनर्विवाह जैसे गंभीर विषय पर समाज को जागरूक करना भी था।

ये थी फिल्म की पूरी कास्ट  

इस ऐतिहासिक फिल्म का निर्देशन कुंदन कुमार ने किया था, जबकि इसकी कहानी नाजिर हुसैन ने लिखी थी। फिल्म में नाजिर हुसैन के साथ अभिनेत्री कुमकुम और अभिनेता असीम कुमार ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं। फिल्म की शूटिंग पटना के बिहटा गांव, गोलघर और आरा रेलवे स्टेशन जैसी वास्तविक जगहों पर की गई थी, जिससे इसे और ज्यादा विश्वसनीयता मिली। इस फिल्म के निर्माण के पीछे एक खास प्रेरणा राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से मिली थी। जब नाजिर हुसैन ने उन्हें फिल्म की कहानी सुनाई, तो उन्होंने न सिर्फ इस पर सहमति दी, बल्कि पटना के सदाकत आश्रम में फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग में भी भाग लिया। उनका यह समर्थन फिल्म निर्माताओं के लिए बड़ा हौसला था।

बड़ी फिल्म का छोटा बजट 

महज 5 लाख रुपये के बजट में बनी इस फिल्म की जान था इसका संगीत, जिसे मशहूर संगीतकार चित्रगुप्त ने तैयार किया था। गीतकार शैलेंद्र के लिखे गीतों को लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी ने आवाज दी थी। ‘गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो’, ‘सोनवां के पिंजरा में’ जैसे गीत आज भी श्रोताओं के दिलों में बसे हैं। यह फिल्म न केवल भोजपुरी सिनेमा की आधारशिला बनी, बल्कि उसने साबित कर दिया कि कम बजट में भी बड़ी बात कही जा सकती है।

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