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Bhai Dooj 2025: अगर भाई पास न हो, तो ऐसे करें पूजा – जानिए सही तरीका और शुभ मुहूर्त

Bhai Dooj 2025: क्या आप जानते हैं कि अगर भाई दूज पर आपका भाई आपके साथ नहीं है, तब भी आप उसकी पूजा पूरी विधि-विधान से कर सकती हैं? इस लेख में, आइए जानें कि जब आपका भाई आपके साथ न हो, तब भी भाई दूज की पूजा कैसे करें और इसकी सही विधि क्या है.

By: Shivashakti Narayan Singh | Published: October 21, 2025 9:13:58 PM IST



Bhai Dooj 2025: इस वर्ष, भाई दूज का त्योहार 23 अक्टूबर को पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. भाई दूज को भाई के स्नेह और रक्षा के वचन का प्रतीक माना जाता है. हालाँकि, कभी-कभी भाई किसी कारणवश, चाहे वह काम, पढ़ाई या दूरी के कारण हो, घर नहीं आ पाते हैं. ऐसे में बहनों को डर लगता है कि पूजा अधूरी रह जाएगी. लेकिन यह सच नहीं है. कुछ आसान तरीकों से आप अपने दूर रहने वाले भाई के नाम का तिलक लगा सकती हैं.

भाई दूज का महत्व

सनातन परंपरा में, भाई दूज के त्योहार को भाई-बहन के अटूट बंधन का प्रतीक माना जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने आए थे. यमुना ने उनका स्वागत किया और उन्हें तिलक लगाया, और तब से यह त्यौहार यम द्वितीया या भाई दूज के रूप में मनाया जाता है.

  • यदि आपका भाई घर से दूर है, तो इस प्रकार तिलक करें:
  • सूर्योदय से पहले उठें, स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
  • बाजार से अपने प्रत्येक भाई के नाम का एक नारियल लाएँ.
  • घर के मंदिर या पूजा स्थल में एक पाट रखें और उस पर पीला कपड़ा बिछाएँ.
  • पाट पर हल्दी या कुमकुम से आठ पंखुड़ियों वाला कमल बनाएँ.
  • प्रत्येक भाई के नाम वाला एक नारियल रखें.
  • नारियल पर रोली और चावल से तिलक करें.
  • फूल, फल और मिठाई चढ़ाएँ, दीप जलाएँ और आरती करें.
  • पूजा पूरी होने के बाद, नारियल को पीले कपड़े में लपेटकर सुरक्षित रख दें.

इस प्रकार पूजा करने से भाई के सामने तिलक लगाने के समान पुण्य फल प्राप्त होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाई दूज की पूजा सच्ची श्रद्धा से करने से भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम और शुभता बनी रहती है.

इस शुभ मुहूर्त में तिलक लगाएं

तिलक का शुभ मुहूर्त: भाई दूज पर तिलक और पूजा के लिए दोपहर 1:13 से 3:28 बजे के बीच का समय सबसे शुभ माना जाता है. इस दौरान तिलक लगाने से सौभाग्य और समृद्धि आती है.

अगर बहन और भाई अलग-अलग शहरों में हों, तो क्या पूजा फलदायी होगी?

सच्चे मन से और विधिवत तरीके से की गई पूजा भी आमने-सामने बैठकर तिलक लगाने जितनी ही शुभ होती है

भाई दूज को क्यों खास माना जाता है?

भाई दूज भाई-बहन के बीच प्रेम और सुरक्षा के बंधन का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है.

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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