Elvish Yadav and Rahul Fazilpuria: फेमस यूट्यूबर एल्विश यादव और सिंगर राहुल फाजिलपुरिया की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय ने ‘वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट’ के उल्लंघन के मामले में दोनों के खिलाफ स्पेशल PMLA यानी (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट में केस दर्ज कर इस कॉन्ट्रोवर्सी को एक नया मोड़ दे दिया है.
ईडी की जांच और लगे आरोप:
ईडी ने दोनों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित सांपों और छिपकलियों का व्यावसायिक (Commercial) इस्तेमाल करने का गंभीर आरोप लगाया है. आरोप यह है कि एल्विश और फाजिलपुरिया ने अपने गाने ’32 बोर’ की शूटिंग के लिए सांपों और बड़ी छिपकलियों का व्यावसायिक इस्तेमाल किया था. जिससे दोनों को लगभग 52 लाख रुपये की कमाई हुई थी. ईडी ने एल्विश और फाजिलपुरिया के साथ-साथ चंडीगढ़ की Sky Digital कंपनी को भी आड़े-हाथों लिया है.
क्या है कानून और सज़ा का प्रावधान:
भारत में सभी तरह के सांप जैसे कोबरा, करैत आदि को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 की अनुसूची-II में शामिल किया गया है. इसके तहत, इनका व्यापार करना, मारना, या फिर पैसों के लिए इस्तेमाल करना क्लास-1 अपराध माना जाएगा. न्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 के सेक्शन-51 के तहत दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की जेल के साथ-साथ 25 हजार रुपये का जुर्माना भी भरना होगा.
तो वहीं, दूसरी तरफ दोबारा अपराध करने पर 7 साल की सजा के साथ-साथ 25 हजार का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
एल्विश यादव नोएडा के ‘कोबरा केस’ (सांपों के जहर की सप्लाई) में भी आरोपी हैं, जिसकी वजह से उन्हें साल 2024 के मार्च महीने में भी गिरफ्तार किया गया था. अब ईडी द्वारा वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत केस दर्ज होने से दोनों की परेशानियां एक बार फिर से बड़ सकती है.