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धनतेरस पर सोना खरीदने से पहले सावधान! नया ‘स्वैप एंड सेंड बैक’ स्कैम ठग रहा है ग्राहकों को

जैसे-जैसे दीवाली और धनतेरस की खरीदारी का मौसम नज़दीक आ रहा है, वैसे-वैसे ऑनलाइन ठगी के नए तरीके भी बढ़ते जा रहे हैं. इस साल एक नया और बेहद चालाक फ्रॉड सामने आया है — जिसे कहा जा रहा है “Swap-and-send-back” स्कैम.

By: Renu chouhan | Published: October 18, 2025 3:57:09 PM IST



जैसे-जैसे दीवाली और धनतेरस की खरीदारी का मौसम नज़दीक आ रहा है, वैसे-वैसे ऑनलाइन ठगी के नए तरीके भी बढ़ते जा रहे हैं. इस साल एक नया और बेहद चालाक फ्रॉड सामने आया है — जिसे कहा जा रहा है “Swap-and-send-back” स्कैम. यह ठगी उन लोगों को निशाना बनाती है जो ऑनलाइन सोना, चांदी या जूलरी खरीदते हैं, और सबसे बड़ी बात- यह स्कैम डिलीवरी के वक्त होता है, जब खरीदार को लगता है कि अब सब सुरक्षित है.

ठगी का नया तरीका: असली जैसा पैक, लेकिन अंदर नकली सामान
इस स्कैम में ठग प्रीपेड ऑर्डर करने वाले ग्राहकों को निशाना बनाते हैं. वे खुद को किसी वेरिफाइड ऑनलाइन जूलरी स्टोर का हिस्सा दिखाते हैं और ग्राहक को एक असली जैसे दिखने वाले पैकेज भेजते हैं. पैकेज पर ब्रांडिंग, बिल और पैकिंग सब कुछ असली जैसा होता है, लेकिन जैसे ही खरीदार पैक खोलता है — उसे अंदर नकली सोने का गहना या सस्ता धातु का टुकड़ा मिलता है.

इसके बाद ठग डिलीवरी एजेंट या कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर कॉल करते हैं और कहते हैं कि पैकेज में कोई चीज़ (जैसे सर्टिफिकेट, बॉक्स या सिक्योरिटी सील) वापस भेजनी है “वेरिफिकेशन” या “इंश्योरेंस” के लिए. जैसे ही ग्राहक वह सामान वापस भेज देता है, ठग गायब हो जाते हैं — और ग्राहक के हाथ में बचता है सिर्फ नकली गहना और भारी नुकसान.

ठगों का मनोवैज्ञानिक खेल: भरोसे का फायदा
यह स्कैम इसलिए सफल होता है क्योंकि यह लोगों के भरोसे और जल्दबाजी पर खेलता है. ज्यादातर लोग मान लेते हैं कि अगर पार्सल मिल गया, तो सब ठीक है. “कुछ वापस भेजने” की बात सुनकर उन्हें लगता है यह कोई औपचारिक प्रक्रिया होगी. इसी तरह के छोटे, भरोसेमंद लगने वाले कदमों से ठग ग्राहकों को जाल में फंसा लेते हैं.

क्यों बढ़ रहा है ये स्कैम धनतेरस के समय?
धनतेरस और दिवाली के वक्त सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है, इसलिए इस दौरान ऑनलाइन गोल्ड शॉपिंग कई गुना बढ़ जाती है. इसी का फायदा उठाकर ठग फेक वेबसाइट्स, सोशल मीडिया पेजेस और नकली जूलरी लिस्टिंग्स बनाते हैं. वे बहुत सस्ते दाम, गैरेन्टीड डिलीवरी और फेस्टिव डिस्काउंट्स का लालच देकर खरीदारों को फंसाते हैं.

इस दिवाली ऐसे करें खुद को सुरक्षित

सिर्फ भरोसेमंद और वेरिफाइड वेबसाइट से खरीदें
कभी भी अनजान वेबसाइट या सोशल मीडिया सेलर से सोना या जूलरी न खरीदें. हमेशा जानी-मानी ब्रांड्स या ज्वैलर्स की ऑफिशियल वेबसाइट्स पर भरोसा करें.

HUID और हॉलमार्क ज़रूर चेक करें
हर हॉलमार्क्ड जूलरी पर 6 डिजिट का HUID कोड होता है. इसे खरीदने से पहले BIS Care App से वेरिफाई करें.

डिलीवरी और अनबॉक्सिंग का वीडियो बनाएं
जब भी जूलरी का पार्सल आए, वीडियो रिकॉर्डिंग करें और कोशिश करें कि डिलीवरी एजेंट के सामने ही पैक खोलें.

कभी भी बॉक्स या सर्टिफिकेट वापस न भेजें
अगर कोई “वेरिफिकेशन” या “इंश्योरेंस” के नाम पर कुछ वापस भेजने को कहे — इंकार करें. सच्चे ज्वैलर्स ऐसा कभी नहीं कहते.

सुरक्षित पेमेंट ऑप्शन इस्तेमाल करें
हमेशा क्रेडिट कार्ड, UPI ऐप्स या ट्रस्टेड मार्केटप्लेस का इस्तेमाल करें जिनमें रिफंड या डिस्प्यूट रेजोल्यूशन की सुविधा हो. कभी भी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर न करें.

संदेह होने पर तुरंत रिपोर्ट करें
अगर कोई शक हो या ठगी हो गई हो, तो तुरंत संपर्क करें-
नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन: 1930
cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें.

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