Home > देश > Akhilesh Yadav ने बागेश्वर बाबा पर लगाया भयानक लांछन, बताया ‘अंडर टेबल’ कितने पैसे लेते हैं ‘हनुमान भक्त’?

Akhilesh Yadav ने बागेश्वर बाबा पर लगाया भयानक लांछन, बताया ‘अंडर टेबल’ कितने पैसे लेते हैं ‘हनुमान भक्त’?

Etawah Katha Vachak विवाद के बीच Akhilesh Yadav अचानक Baba Bagheshwar पर भड़क गए हैं। उन्होंने बाबा पर चौंकाने वाले आरोप लगाते हुए ऐसी बात बोल दी है कि उनके भक्त नाराज हो गए हैं।

By: Utkarsha Srivastava | Published: June 30, 2025 12:25:33 PM IST



Akhilesh Yadav On Bageshwar Baba: उत्तर प्रदेश में इन दिनों इटावा के कथवाचक के साथ हुई बर्बरता को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस पर सियासी घमासान भी शुरू हो गया है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर धावा बोल दिया है। अखिलेश यादव ने बागेश्वर बाबा पर ऐसा लांछन लगाया है जिसे सुनकर भक्त उखड़ सकते हैं। सपा प्रमुख ने बताया है कि बागेश्वर बाबा कथा वाचन के लिए ‘अंडर टेबल’ कितने रुपए लेते हैं। ये रिएक्शन तब आया है जब इटावा कांड पर धीरेंद्र शास्त्री ने तगड़ा स्टेटमेंट जारी किया था।

Akhilesh Yadav ने Baba Bageshwar पर क्या लगाया लांछन?

अखिलेश यादव ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी की घटना पर बयान दिया है। इस दौरान वो अचानक बागेश्वर बाबा पर हमलावर हो गए। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री पर ‘अंडर टेबल’ कथा वाचन के लिए मोटी फीस वसूलने का आरोप लगाया है। उन्होंने बागेश्वर बाबा की फीस को लेकर भी बड़ा दावा कर डाला है। अखिलेश यादव ने मीडिया के सामने बात करते हुए कहा है कि ‘कई कथा वाचक हैं जो 50 लाख रुपए लेते हैं। किसी नहीं है कि धीरेंद्र शास्त्री को कथा के लिए अपने घर बुला ले। अंडर टेबल वो बाबा…आप पता करवा लीजिए कि धीरेंद्र शास्त्री पैसे लेते हैं या नहीं। कथा बांचने की उनकी कीमत होगी’।

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Etawah Katha Vachak Controversy पर क्या बोले थे Dhirendra Shastri?

बता दें कि इटावा के बकेवर क्षेत्र के दान्दरपुर गांव में 21 जून को कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत कुमार यादव के साथ इसलिए बर्बरता की गई थी क्योंकि वो यादव होते हुए कथा बांच रहे थे। इसका आरोप ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगों पर लगा था। इस मामले पर अखिलेश यादव भड़क गए थे और उन्होंने पीड़ित कथा वाचकों को अपने कार्यालय बुलाकर सम्मान के तौर पर 51 हजार रुपए दिए थे। इसके अलावा धीरेंद्र शास्त्री ने भी पीड़ित कथावचकों का साथ दिया था और कहा था कि ‘कथा वाचन किसी जाति की बपौती नहीं है। अगर किसी भी कथा वाचक से कोई गलती भी हो जाती है तो समाधान न्याय पालिका के जरिए होना चाहिए ना कि भीड़तंत्र के जरिए’।

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