Serbia Protest:जहां दुनिया भर में कई देशों के बीच तनाव का माहौल है। वहीं अब तनाव यूरोप तक पहुंच गया है। सर्बिया के छात्रो ने क्रांति कर दी है। 8 महीने पहले सर्बिया के एक रेलवे स्टेशन पर हुई घटना अब विद्रोह में बदल चुकी है। इस विद्रोह का नेतृत्व खुद देश की युवा कर रहे हैं। देश के राष्ट्रपति को उखाड़ फेकने के लिए हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। जिसकी वजह से सर्बिया में गृहयुद्ध जैसी स्थिती बन गई है। यूरोप का ये शांत देश इस समय विद्रोह की आग में जल रहा है।
बता दें सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड है जहां इस समय हजारों छात्र सड़क पर उतर आए हैं। सर्बिया में वो हो रहा है जो बांग्लादेश में एक साल पहले हुआ था। सर्बिया में पुलिस और छात्रों के बीच झड़प देखने को मिल रही है। एक तरफ सर्बियाई राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक से नाराज छात्रों की भीड़ है, तो दूसरी तरफ पुलिस का लाठीचार्ज, हथकड़ी और आंसू गैस के गोले। सर्बिया की सड़कें गृहयुद्ध का मैदान बन गई हैं।
आंदोलन बेकाबू
क्या पुतिन के करीबी दोस्त सर्बियाई राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक का 12 साल पुराना साम्राज्य ढहने वाला है? क्या अलेक्जेंडर वुसिक का हाल शेख हसीना जैसा होगा? प्रदर्शनकारी इसे आजादी की लड़ाई बता रहे हैं और नारे लगा रहे हैं। वुसिक को जाना चाहिए। सर्बिया में छात्र आंदोलन 8 महीने से चल रहा है, लेकिन अब यह आंदोलन बेकाबू हो गया है।
16 लोगों की मौत
सर्बिया में गृहयुद्ध की यह चिंगारी 8 महीने पहले हुए एक हादसे के बाद भड़की थी। 1 नवंबर 2024 को नोवी सैड शहर में रेलवे स्टेशन की छत गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना ने सर्बियाई सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ भड़के गुस्से को और भड़का दिया। इन विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व देश के विश्वविद्यालयों के छात्र कर रहे हैं और अब छात्रों के नेतृत्व में यह गुस्सा राष्ट्रपति वुसिक की तानाशाही के खिलाफ राष्ट्रीय विद्रोह में बदल गया है। अब यह आंदोलन इतना बड़ा हो गया है कि दबाव में आकर सर्बिया के प्रधानमंत्री मिलोस वुसिक ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन राष्ट्रपति वुसिक अभी भी सत्ता में हैं।