Gujarati Muslim Zohran Mamdani: भारतीय मूल के गुजराती मुस्लिम और डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट नेता 33 वर्षीय ज़ोहरान ममदानी ने हाल ही में न्यूयॉर्क सिटी डेमोक्रेटिक मेयर प्राइमरी में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। अगर वे आम चुनाव भी जीत जाते हैं, तो वे न्यूयॉर्क शहर के पहले मुस्लिम और भारतीय-अमेरिकी मेयर होंगे। हालांकि, उनकी जीत को कोई पचा नहीं पा रहा है। अमेरिका की धार्मिक और नस्लीय राजनीति एक बार फिर सामने आ गई है। MAGA (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) समर्थक और दक्षिणपंथी रिपब्लिकन राजनेता उन पर निशाना साध रहे हैं और सोशल मीडिया पर इस्लामोफोबिक टिप्पणियां और तस्वीरें शेयर कर रहे हैं।
ज़ोहरान ममदानी की जीत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि वे 100% कम्युनिस्ट पागल हैं। उन्होंने उनकी जीत को अमेरिका के लिए बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने AOC+3 (प्रगतिशील डेमोक्रेटिक समूह) का भी मजाक उड़ाया और कहा कि चक शूमर जैसे नेता भी अब ममदानी के आगे झुक रहे हैं। इस बीच, रिपब्लिकन नेता मार्जोरी टेलर ग्रीन और नैन्सी मेस ने बुर्के में ढकी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की तस्वीर और ममदानी को 9/11 से जोड़ने वाली पोस्ट शेयर करके धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश की। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने यहां तक लिखा कि 2025 में NYC में एक मुस्लिम जिहादी चुना जाएगा और 2040 में NYC में शरिया कानून का पालन किया जाएगा।
After 9/11 we said “Never Forget.”
I think we sadly have forgotten. pic.twitter.com/f3iCXKUIRa
— Nancy Mace (@NancyMace) June 25, 2025
‘में डोनाल्ड ट्रंप का सबसे बुरा सपना हूं’
मुस्लिम डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट नेता ज़ोहरान ममदानी ने एक बयान में कहा था कि मैं एक प्रगतिशील, मुस्लिम अप्रवासी के रूप में डोनाल्ड ट्रंप का सबसे बुरा सपना हूं जो वास्तव में उन चीजों के लिए लड़ता है जिन पर मैं विश्वास करता हूं। उनके बयान से पता चलता है कि वह न केवल राजनीतिक विरोध का सामना करने के लिए तैयार हैं, बल्कि वह धर्मनिरपेक्षता और विविधता के मूल्यों के लिए भी लड़ने के लिए तैयार हैं।
‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के नाम पर निशाना बनाया जा रहा है’
यह विडंबना है कि स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के नाम पर ममदानी को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि उस मूर्ति की मूल प्रेरणा एक मुस्लिम महिला थी। फ्रांसीसी कलाकार फ्रेडरिक ऑगस्टे बार्थोल्डी ने इस मूर्ति के लिए मिस्र की एक बुर्का पहनी मुस्लिम महिला किसान से प्रेरणा ली थी। मूल डिजाइन में वह लालटेन थामे एक महिला थी, जो प्रगति और स्वतंत्रता का प्रतीक थी। मिस्र द्वारा प्रस्ताव खारिज किए जाने के बाद, मूर्ति को रोमन देवी लिबर्टस के रूप में फिर से डिजाइन किया गया और अमेरिका को उपहार में दिया गया।
‘ममदानी की राजनीति’
ममदानी ने ट्रंप की आव्रजन नीति को अनैतिक और विभाजनकारी बताया है। उन्होंने गाजा युद्ध को नरसंहार कहा, लेकिन स्पष्ट किया कि वे यहूदी विरोधी नहीं हैं। गवर्नर कुओमो के अरबपति समर्थकों की आलोचना करते हुए उन्होंने जनभागीदारी और पारदर्शिता को महत्व देने की बात कही।