Suspicious death of Indian scientists: भारत तकनीक के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत जिस राह पर चल रहा है. वह होमी जहांगीर भाभा और विक्रम साराभाई जैसे वैज्ञानिकों ने बनाई थी. दुर्भाग्य से भारत के लिए उनका जीवन अल्पकालिक था. उनकी मृत्यु स्वाभाविक नहीं थी. कुछ की मृत्यु दुर्घटनाओं में हुई थी. जबकि अन्य की मृत्यु हृदय रोग से हुई थी. हालांकि भारतीय इन मौत के कारण को सच नहीं मानते है.
ऐसे में हम इस खबर में उन भारतीय वैज्ञानिकों का जिक्र करेंगे, जो भारत का सुनहरा भविष्य गढ़ रहे थे. यही बात देश के दुश्मन को परेशान कर रही थी. और इसलिए कथित तौर पर उनकी हत्या कर दी गई. ऐसा माना जाता है कि अगर ये वैज्ञानिक लंबे समय तक जीवित रहते तो भारत तकनीकी दुनिया का बादशाह होता.
डॉ. होमी जहांगीर भाभा
डॉ. होमी जहांगीर भाभा भारत के परमाणु कार्यक्रम के जनक है. उन्होंने भारत के परमाणु कार्यक्रम की शुरुआत की. लेकिन कार्यक्रम पूरा होने से पहले ही 24 जनवरी 1966 को स्विस आल्प्स में एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई. आधिकारिक तौर पर इसे एक दुर्घटना माना गया. लेकिन कई लोग मानते हैं कि यह भारत के परमाणु कार्यक्रम को धीमा करने की सीआईए की साजिश थी.
डॉ. विक्रम साराभाई
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई जिन्हें रॉकेट बॉय के नाम से भी जाना जाता है. 30 दिसंबर 1971 को केरल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. हालांकि उन्हें जानने वाले लोग इससे सहमत नहीं है. कुछ लोग का मानना है कि उनकी हत्या कर दी गई थी. वह पूरी तरह स्वस्थ थे और उन्हें कोई हृदय रोग नहीं था. कुछ का मानना है कि वह भाभा के परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में शामिल थे. जिसे विदेशी ताकत स्वीकार नहीं करती थी.
डॉ. संथिलन कृष्णन
डॉ. एस. कृष्णन एक प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी थे जिन्होंने एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. 1970 के दशक में उनकी अचानक मृत्यु हो गई. जिसे आधिकारिक तौर पर स्वास्थ्य कारण से बताया गया है. कुछ लोगों का मानना है कि वह उस समय एक गोपनीय रक्षा अनुसंधान परियोजना पर काम कर रहे थे. इसलिए उ