Home > धर्म > बादलों के पीछे जब छिप जाएं सूर्य देव तो इस तरह करें जल अर्पित; भर-भरकर बरसेगी कृपा

बादलों के पीछे जब छिप जाएं सूर्य देव तो इस तरह करें जल अर्पित; भर-भरकर बरसेगी कृपा

Surya Dev ki Pooja: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति ठीक नहीं है, तो उसे प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।

By: Heena Khan | Last Updated: October 1, 2025 8:34:35 AM IST



Surya Dev ko Jal Chadhane ke Niyam: सावन का महीना जा चुका है और जैसा की आप जानते हैं कि अब बारिश भी नहीं होगी ऐसे में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सूर्य देवता का दिखना भी मुश्किल होता है. हिंदू धर्म में प्रातःकाल सूर्य की पूजा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. कई लोग प्रातःकाल सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं. सिर्फ प्रदूषण में ही नहीं बल्की बारिश के मौसम में भी सूर्य अक्सर बादलों से ढक जाता है. ऐसे में लोग चिंता में पड़ जाते हैं कि ऐसी स्थिति में सूर्य को अर्घ्य कैसे दें और क्या इससे कोई फल मिलेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिंदू धर्म ग्रंथों में पंचदेवों का वर्णन है: भगवान गणेश, भगवान शिव, पालनहार विष्णु, देवी दुर्गा और सूर्य देव. ऐसा माना जाता है कि कलियुग में सूर्य देव ही एकमात्र प्रत्यक्ष देवता हैं. जो लोग प्रातःकाल सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं और उनकी पूजा करते हैं, उनके परिवार में सुख-समृद्धि आती है और समाज में सम्मान की प्राप्ति होती है. चलिए जान लेते हैं कि वर्षा ऋतु में सूर्य की पूजा कैसे करनी चाहिए? 

सूर्य को इस तरह  करें जल अर्पित

हिंदू शास्त्रों के मुताबिक, सूर्य को जल अर्पित करने के लिए तांबे के पात्र का उपयोग करना चाहिए. सूर्य को जल अर्पित करते समय ॐ सूर्याय नमः, ॐ आदित्याय नमः और ॐ भास्कराय नमः जैसे मंत्रों का जाप करना उचित है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति ठीक नहीं है, तो उसे प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए. इससे कुंडली में मौजूद सूर्य दोष दूर होते हैं. वहीं बरसात के दिनों में, जब बादलों के वजह से सूर्य देव दिखाई न दें, तो पूर्व दिशा की ओर मुख करके उनका ध्यान करें और तांबे के पात्र से सूर्य मंत्रों का जाप करते हुए उन्हें अर्घ्य दें. इसके अलावा, आप प्रतिदिन सुबह सूर्य देव की मूर्ति या चित्र के दर्शन भी कर सकते हैं.

नवग्रहों के राजा हैं सूर्य नारायण

आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि हिंदू धर्मग्रंथों और ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है. सूर्य देव सिंह राशि के स्वामी ग्रह हैं. शनि देव, यमराज और यमुना सूर्य देव की संतान हैं. सूर्य देव हनुमान जी के गुरु हैं. हनुमान जी ने सूर्य देव से ही ज्ञान प्राप्त किया था. 

Advertisement