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Shardiya Navratri Day 6: शारदीय नवरात्रि का छठवां दिन मां कात्यायनी को है समर्पित, जानें पूजा विधि, प्रिय रंग और आरती

Shardiya Navratri Day 6: शारदीय नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की उपासना को समर्पित है. मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी के नाम से भी जाना जाता है. उनका स्वरूप अत्यंत तेजस्वी है और वे सिंह पर सवार होकर चार भुजाओं के साथ विराजमान रहती हैं. मां कात्यायनी का पूजन करने से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं, दांपत्य जीवन में सुख-शांति आती है और जीवन में साहस एवं विजय की प्राप्ति होती है.

By: Shivi Bajpai | Last Updated: September 28, 2025 8:34:24 AM IST



Shardiya Navratri Day 6: शारदीय नवरात्रि का पर्व पूरे देश में 22 सितंबर से मनाया जा रहा है. ये त्योहार मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है. 28 सितंबर को नवरात्रि का छठवां दिन है जो मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी को समर्पित है. इस दिन मां कात्यायनी की पूजा करने से आपको मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. 

मां कात्यायनी की पूजा विधि

प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत-संकल्प लें.

मां कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें.

मां को रोली, अक्षत, सिंदूर, पुष्प और धूप-दीप अर्पित करें.

मां को शहद का भोग विशेष रूप से प्रिय है, इसलिए भोग में शहद अवश्य चढ़ाएं.

मां के सामने दीपक जलाकर मंत्र और आरती का पाठ करें.

पूजन करते समय श्रद्धा और भक्ति भाव से मां को नमस्कार करना अत्यंत फलदायी माना जाता है.

मां कात्यायनी का प्रिय रंग

मां कात्यायनी का प्रिय रंग गुलाबी (पिंक) है. गुलाबी रंग प्रेम, करुणा और मधुरता का प्रतीक माना जाता है. इस दिन भक्तों को पूजा के समय गुलाबी वस्त्र पहनना और मां को गुलाबी फूल अर्पित करना विशेष शुभ फल प्रदान करता है.

Shardiya Navratri 2025 Day 6: शारदीय नवरात्रि के छठे दिन करें मां कात्यायनी की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र और भोग

मां कात्यायनी का मंत्र

“ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥”
इस मंत्र का जाप करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

मां कात्यायनी की आरती

जय जय अम्बे जय कात्यायनी।
जय जगमाता जग की महारानी।।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा।।

कई नाम हैं कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।।
हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी।
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी।।

हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मन्दिर में भगत हैं कहते।।
कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की।।

झूठे मोह से छुडाने वाली।
अपना नाम जपाने वाली।।
बृहस्पतिवार को पूजा करिए।
ध्यान कात्यायनी का धरिये।।

हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी।।
जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।

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