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Sundar kand Path: मंगलवार के दिन करें सुंदरकांड का पाठ, आपके जीवन की मुश्किलों होंगी कम

Sundar kand Ka Mehtav:हिंदू धर्म में सुंदरकांड को रामायण का अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र हिस्सा माना जाता है. इसमें भगवान हनुमान की अद्भुत वीरता, भक्ति और निडरता का विस्तृत वर्णन है. सुंदरकांड का पाठ करने से न केवल मानसिक शांति और साहस की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने में भी मदद मिलती है. यह पाठ भक्तों के मन में सकारात्मक ऊर्जा भरता है, नकारात्मक विचारों को समाप्त करता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है. इसलिए सुंदरकांड का नियमित पाठ हर भक्त के लिए धार्मिक, मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत आवश्यक माना जाता है.

By: Shivi Bajpai | Published: September 27, 2025 11:33:55 AM IST



Sundar Kand: हिंदू धर्म में सुंदरकांड रामायण का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. यह हनुमान जी की भक्ति, वीरता और निडरता का अद्भुत वर्णन करता है. सुंदरकांड का पाठ करने से मानसिक शांति, आत्मविश्वास और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है. विशेष रूप से मंगलवार का दिन हनुमान जी का विशेष दिन है, इसलिए इस दिन सुंदरकांड का पाठ करने का महत्व और भी बढ़ जाता है.

सुंदरकांड का महत्व

सुंदरकांड में भगवान हनुमान द्वारा माता सीता की खोज, लंका में उनका सामना और रामभक्ति की अद्भुत शक्ति का वर्णन किया गया है. इसे पढ़ने या सुनने से भक्तों के मन में साहस, सकारात्मक सोच और कठिन परिस्थितियों में धैर्य का विकास होता है. धार्मिक मान्यता है कि सुंदरकांड का नियमित पाठ भय, चिंता और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और जीवन में सुख-शांति का संचार करता है.

मंगलवार को पाठ करने का महत्व

हनुमान जी का मंगलवार के दिन विशेष पूजन किया जाता है. मंगलवार को सुंदरकांड पाठ करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद जल्दी प्राप्त होता है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति मंगलवार के दिन संकल्पपूर्वक सुंदरकांड का पाठ करता है, उसकी सभी बाधाएं दूर होती हैं और घर में सुख-शांति का वास होता है. यह उपाय विशेष रूप से मानसिक तनाव, परिवारिक समस्याओं और आर्थिक कठिनाइयों से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है.

सुंदरकांड पाठ की विधि

सुबह या शाम के समय हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप और अगरबत्ती जलाएं. तुलसी के पत्तों और पंचामृत से हनुमान जी का अभिषेक करें. श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ सुंदरकांड का पाठ प्रारंभ करें. पाठ के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करना भी शुभ माना जाता है. यदि संभव हो तो इसे परिवार या अन्य भक्तों के साथ मिलकर सुनना और पढ़ना पुण्य को बढ़ाता है.

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सुंदरकांड पाठ के लाभ

मानसिक तनाव और भय कम होता है.

जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ आसान हो जाती हैं.

करियर, शिक्षा और स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आता है.

पारिवारिक जीवन में सौहार्द और सुख-शांति बनी रहती है.

हनुमान जी की कृपा से संतान सुख और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है.

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