RBI new rules: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल पेमेंट्स के लिए कुछ नए नियम जारी किए हैं. RBI ने बताया है कि अब ऑनलाइन पेमेंट करते समय दो-स्टेप वेरिफिकेशन के लिए सिर्फ SMS OTP ही नहीं बल्कि और तरीके अपनाए जा सकते हैं. नए नियमों का उद्देश्य ऑनलाइन पेमेंट को जनता के लिए सुरक्षित बनाना हैं. नए नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू किए जाएगें.
RBI ने ‘ऑथेंटिकेशन मैकेनिज्म्स फॉर डिजिटल पेमेंट ट्रांजेक्शंस संबंधी निर्देश, 2025’ जारी किए हैं .
RBI ने बताया कि पेमेंट की पहचान के लिए तीन तरह की चीजें हो सकती हैं:
1. यूजर की कोई चीज हो.
2. जानकारी जो यूजर को पता हो.
3. यूजर की कोई पहचान.
इसमें मोबाइल फोन पर मिलने वाला OTP, password, पिन, पासफ्रेज़, कार्ड, सॉफ्टवेयर टोकन, फिंगरप्रिंट या अन्य बायोमेट्रिक तरीके शामिल हैं. SMS OTP का इस्तेमाल वैसे ही चलता रहेगा लेकिन अब और भी तरीके अपनाए जा सकते हैं.
ऑथेंटिकेशन फैक्टर
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्तीय लेनदेन के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को मजबूत करने के लिए नए नियम जारी किए हैं. इन नियमों के तहत अब वित्तीय संस्थानों को लेनदेन के लिए कम से कम एक ऑथेंटिकेशन फैक्टर को यूनीक और भी नया बनाना होगा. इसका मुख्य उद्देश्य लेनदेन को और भी अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने पर ज़ोर देता है.
ग्राहक के नुकसान होने पर देना होगा मुआवजा
रिजर्व बैंक का कहना है कि अगर अगर इन नियमों का सही तरीके से पालन नहीं किया गया और ग्राहक को पैसों का नुकसान हुआ तो उस नुकसान की पूरी जिम्मेदारी इश्यूअर (जारी करने वाली संस्था) की होगी और उसे ग्राहक को पूरा हर्जाना देना होगा. 1 अक्टूबर 2026 से कार्ड जारी करने वालों को यह लागू करना होगा कि जब विदेश में कोई एक बार का ऑनलाइन पेमेंट किया जाए तो उसे वैरिफाई करने का सिस्टम होना चाहिए.