ISRO And India Border: भारत अपनी सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ISRO की मदद से एक स्पाई सैटेलाइट (Spy Satellite) जल्द ही तैयार करने जा रहा है. इस सैटेलाइट की मदद से सीमा पार आतंकी घुसपैठ की कोशिशों को ट्रैक करने में मदद मिलेगी. ISRO ने इस सैटेलाइट को EOS-09 नाम दिया है, जो दिन और रात दोनों समय में उच्च रिज़ॉल्यूशन (High Resolution) वाली तस्वीरें लेने में सक्षम होगा.
बीएसएफ ने खोला ‘स्कूल ऑफ़ ड्रोन वॉरफेयर’
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने टेकनपुर अकादमी में ‘स्कूल ऑफ़ ड्रोन वॉरफेयर’ की स्थापना की है. यह कदम BSF के रिसर्च एंड डेवलपमेंट का हिस्सा है, जो भविष्य के युद्ध (Future Warfare) में ड्रोन की महत्ता को समझने के लिए उठाया गया है.
इसरो की मदद से बनेंगे रडार-युक्त ड्रोन
BSF इसरो (ISRO) के साथ साझेदारी करने में जुटी हुई है, जो उसे ड्रोन आधारित रडार (Drone-based Radar) बनाने में बेहद ही कारगर साबित होगा. इन रडार-इक्विप्ड ड्रोन (Radar-Equipped Drone) का निर्माण जल्द ही शुरू होने जा रहा है. ये ड्रोन छोटे इलेक्ट्रॉनिक रडार सेंसर (Electronic Radar Sensor) से लैस होंगे, जो दृश्य (Optical) सीमा से परे भी वस्तुओं की उपस्थिति, दूरी, गति और दिशा का पता लगा सकते हैं.
भारत-पाक सीमा पर रहेगी सख्त निगरानी
इन रडार-युक्त ड्रोन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये भारत-पाकिस्तान सीमा पर दिन-रात कड़ी निगरानी करेंगे.
मौसम से परे कार्यक्षमता:
पारंपरिक निगरानी व्यवस्था के विपरीत, ये रडार-युक्त ड्रोन धुंध, अंधेरा या फिर बारिश जैसे खराब मौसम की परिस्थितियों में भी अपना काम बड़ी ही आसानी के साथ कर सकते हैं.
घुसपैठ और तस्करी पर रोक:
छोटे वाहनों या फिर घुसपैठियों की गतिविधि को तुरंत पकड़कर BSF को रियल-टाइम अलर्ट जारी कर देंगे. ताकी सुरक्षा बल को तेज़ी से कार्रवाई करने में सफलता हासिल हो सके.
दुश्मन ड्रोन पर रहेगी नज़र:
यह आधुनिक सिस्टम छोटे और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले दुश्मन ड्रोनों को भी ट्रैक करने में काफी मदद करेगा, जो वर्तमान में एक बड़ी सुरक्षा चुनौती बन चुकी है.
यह रडार-ड्रोन भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को एक नई ऊंचाईयों पर ले जाने में सफलता हासिल करेगा. अब सीमा पार दुश्मन की हर चाल पर नज़र रखना और भी ज्यादा हो जाएगा आसान.