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वो देश जहां नहीं हैं एक भी नदी, पानी के एक-एक बूंद के लिए लोग करते हैं ये काम

Countries with No River: अरब प्रायद्वीप दुनिया का सबसे बड़ा इलाका है, जहां एक भी स्थायी प्राकृतिक नदी नहीं है और लोग वादियों पर निर्भर रहते हैं।

By: Divyanshi Singh | Published: September 25, 2025 3:13:47 PM IST



Countries with No River: भारत नदियों के लिए जाना जाता हैं. भारत में नदियों की पूजा की जाती हैं. क्योंकि नदियां हमेशा से सभ्यताओं की जीवनरेखा रही हैं वो भारत में पानी का मुख्य स्रोत रही है. वे पीने से लेकर खेती तक हर ज़रूरी काम के लिए पानी देती हैं. लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी कि दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं, जहां एक भी प्राकृतिक नदी नहीं है. ऐसे देश पानी की ज़रूरत पूरी करने के लिए समुद्री पानी को मीठा बनाने (डिसेलिनेशन), भूमिगत जल (underground aquifers) और बाहर से पानी मंगाने पर निर्भर रहते हैं.वहीं, रूस जैसे देशों में 1,00,000 से ज़्यादा नदियों का विशाल जाल फैला हुआ है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल 20 देश और 22 क्षेत्र ऐसे हैं, जहां कोई स्थायी प्राकृतिक नदी नहीं है. हालांकि, कुछ जगहों पर बरसाती नाले या मौसमी धारा जैसी चीज़ें मिलती हैं, जिन्हें वादी कहा जाता है. अरब प्रायद्वीप दुनिया का सबसे बड़ा इलाका है, जहां एक भी स्थायी प्राकृतिक नदी नहीं है और लोग वादियों पर निर्भर रहते हैं. तो आइए अब हम ऐसे कुछ देशों पर नज़र डालते हैं जहां नदियां बिल्कुल नहीं हैं.

सऊदी अरब (Saudi Arabia)

सऊदी अरब  मिडिल ईस्ट का एक बड़ा देश है जहां कोई नदी नहीं है. यह अरब प्रायद्वीप (Arabian Peninsula) में स्थित है और ज्यादातर हिस्सा रेगिस्तान है. इसके बावजूद यहां पानी के प्रबंधन की उन्नत तकनीकें विकसित की गई हैं. देश अपनी लगभग 70% पीने की ज़रूरत का पानी समुद्र के पानी को मीठा (डिसेलिनेशन) करके पूरा करता है. इसके अलावा यहां भूमिगत पानी (एक्वीफर) और गंदे पानी को साफ करके दोबारा इस्तेमाल करने की व्यवस्था भी है.

क़तर (Qatar)

क़तर भी एक ऐसा देश है जहां कोई स्थायी नदी नहीं है. अरब प्रायद्वीप का यह अमीर देश तेल और गैस के भंडार के लिए मशहूर है. लेकिन पानी की लगभग 99% ज़रूरत डिसेलिनेशन प्लांट से पूरी की जाती है. यहां हर व्यक्ति बहुत ज़्यादा पानी इस्तेमाल करता है, इस वजह से सरकार ने पानी बचाने के लिए नई तकनीकों और उपकरणों में निवेश किया है.

संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates)

दुबई और अबू धाबी (Dubai and Abu Dhabi) जैसे शानदार शहरों के लिए मशहूर UAE में भी कोई नदी नहीं है. देश की करीब 80% पीने की ज़रूरत समुद्र के पानी को मीठा बनाकर पूरी होती है. ताज़ा पानी बचाने के लिए यहां साफ़ किए गए गंदे पानी का इस्तेमाल खेती और उद्योगों में किया जाता है.

कुवैत (Kuwait)

फारस की खाड़ी में स्थित इस छोटे से देश में भी कोई प्राकृतिक नदी नहीं है. पानी की ज़रूरत भूमिगत स्रोतों और समुद्र के पानी को मीठा बनाकर पूरी की जाती है. सरकार यहां लोगों को पानी बचाने के तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है.

बहरीन (Bahrain)

बहरीन भी फारस की खाड़ी का एक द्वीपीय देश है जहां नदियां नहीं हैं. हालांकि यहां कुछ झरने और भूमिगत पानी के स्रोत हैं, लेकिन ये देश की ज़रूरतों के लिए पर्याप्त नहीं हैं. इसलिए बहरीन का 60% से ज़्यादा पानी डिसेलिनेशन से आता है. सरकार यहां भी पानी बचाने और सही तरीक़े से इस्तेमाल करने पर ज़ोर देती है.

मालदीव (Maldives)

हिंद महासागर में स्थित मालदीव छोटे-छोटे द्वीपों का समूह है. यहां की ज़मीन बहुत नीची होने के कारण नदियां नहीं हैंं. बढ़ते समुद्र स्तर की वजह से भूमिगत पानी भी खतरे में हैं इसलिए मालदीव अपनी ज़रूरत के लिए बोतलबंद पानी मंगाता है, बारिश का पानी इकट्ठा करता है और डिसेलिनेशन का इस्तेमाल करता है. देश के लिए पानी बचाना और सही ढंग से उपयोग करना बेहद ज़रूरी है.

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