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दिल्ली के किन इलाकों में होगी बिन बादल के बरसात, नोंट कर लें ये जगहों के नाम

राजधानी दिल्ली में कृत्रिम बारिश (Artifical Rain) के ज़रिए वायु प्रदूषण (Air Pollution) से निपटने की तैयारी लगातार जारी है. वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश के ट्रायल को मंजूरी दे दी गई है.

By: DARSHNA DEEP | Last Updated: September 25, 2025 1:42:44 PM IST



Artificial Rain in Delhi NCR: राजधानी दिल्ली में तेजी से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. वायु प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं, सांस के साथ-साथ आंखों में जलन जैसी कई अन्य गंभीर समस्याएं भी देखने को मिलती है. लेकिन अब जल्द ही वायु प्रदूषण के इस गंभीर समस्या से दिल्लीवासियों को छुटकारा मिलने जा रहा है. 

कृत्रिम बारिश के ट्रायल को मंजूरी

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने के लिए अनोखा प्लान तैयार कर लिया है. दरअसल, दिल्ली सरकार ने क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding)  यानी कृत्रिम बारिश (Artificial Rain) की अहम योजना बनाई है. इस योजना के तहत अक्टूबर और नवंबर 2025 में दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराई जाएगी, जिससे प्रदूषण के स्तर को कम किया जाएगा. डीजीसीए (DGCA) ने आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) को इस परियोजना के लिए मंजूरी दे दी है. 

ट्रायल की निगरानी और कहां होगा स्थान

आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) इस सबसे महत्वपूर्ण ट्रायल की निगरानी करेगा. ट्रायल नॉर्थ दिल्ली के ऊपर किया जाएगा और इसके लिए हिंडन एयरपोर्ट पर मौजूद सेसना 206-एच एयरक्राफ्ट का भी इस्तेमाल किया जाएगा. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने 1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2025 की अवधि के लिए यह मंजूरी दी है. जिसपर पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रदूषण के दौरान कृत्रिम बारिश से  लोगों को बड़ी राहत मिल सकेगी. 

डीजीसीए की शर्तें और शामिल अन्य एजेंसियां

क्लाउड सीडिंग की पूरी प्रक्रिया में आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के साथ-साथ टूरिजम मंत्रालय और एरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering) डिपार्टमेंट भी इसमें शामिल रहेंगे. डीजीसीए (DGCA) ने यह मंजूरी कुछ सख्त शर्तों के साथ दी है, और क्या हो वो तमाम शर्तें

1. डीजीसीए (DGCA) की निगरानी में रहेंगे एयरक्राफ्ट क्रू और इंजीनियर 
2.  एयरक्राफ्ट के पायलट प्रोफेशनल लाइसेंस और मेडिकल फिटनेस होना ज़रूरी
3. क्लाउड सीडिंग के दौरान एरियल फोटोग्राफी की नहीं दी गई किसी प्रकार की अनुमति 

क्या होगा ट्रायल का समय और मुख्य उद्देश्य

यह ट्रायल पहले जुलाई और फिर अगस्त-सितंबर में प्रस्तावित था, लेकिन मॉनसून और अन्य कारणों की वजह से इसे फिलहाल के लिए टाल दिया गया था. अब 1 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच यह ट्रायल शुरू किया जाएगा. डीजीसीए (DGCA) से मंजूरी मिलने के बाद प्रदूषण के खिलाफ कृत्रिम बारिश का रास्ता खुलने से जहरीली हवा से दिल्लीवासियों को जल्द ही छुटकारा मिल सकेगा. 

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