Home > उत्तर प्रदेश > UP News: सार्वजनिक जगहों पर जाति लिखने पर रोक- योगी सरकार का बड़ा फैसला

UP News: सार्वजनिक जगहों पर जाति लिखने पर रोक- योगी सरकार का बड़ा फैसला

UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पुलिस रिकॉर्ड में जाति पूछने, गाड़ियों पर जाति का महिमामंडन करने और जातियों की सार्वजानिक रैलीयोन पर रोक लगा दी है जिसका उलंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी

By: Swarnim Suprakash | Published: September 22, 2025 9:35:31 PM IST



UP News: योगी सरकार का नया आदेश आने के बाद अब पुलिस की नजर सोशल मीडिया पर भी रहेगी. योगी सरकार के इस आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि अब सोशल मीडिया पर किसी जाति के महिमामंडन में कुछ कहना या किसी जाति को अपमानित करने वाले शब्द कहना गैरकानूनी होगा. ऐसा करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध उपयुक्त धाराओं में कानूनी कार्रवाई भी होगी. जातिगत महिमामंडन करने पर अब जेल की हवा भी कहनी पड़ सकती है. 

जातिवाद को ख़त्म करने का प्रयास 

जातिवाद देश के प्रमुख समस्याओं में से एक है. कई बार जाती के आधार पर एक वर्ग को दूसरे वर्ग के जातिगत प्रताड़ना का शिकार भी होना पड़ता है. कई बार जातिवाद के कारण लोगों को विभिन्न संस्थाओं तक में भेदभाव का सामना करना पड़ जाता है. भेदभाव को समाप्त करने के लिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक अहम् और बड़ा कदम उठाया है. अब उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच, रिपोर्ट और अन्य दस्तावेजों में लोगों की जाति न पूछी जाएगी, न लिखी जाएगी. इसे समाज में हो रही जातिगत भेदभाव को कम करने में एक क्रांतिकारी कदम बताया जा रहा है.

UP News: देवरिया में अनोखा विरोध प्रदर्शन, कीचड़ में लेटा समाजसेवी

क्या है नया आदेश? 

अब सार्वजनिक तौर पर किसी जाति का महिमामंडन करना  या किसी किसी जाति को अपमानित करने वाले शब्द कहना गैरकानूनी होगा.  ऐसा करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध उपयुक्त धाराओं में कानूनी कार्रवाई भी होगी. जातिगत महिमामंडन करने पर अब जेल की हवा भी कहनी पड़ सकती है. गाड़ियों पर भी जातिगत महिमामंडन करने वाले स्टिकर लगाना अपराध होगा. जातिगत रैलियां और जातिगत आयोजनों पर भी रोक लगाई गई है. यानी अब जातियों को आधार बना कर किसी मुद्दे पर रैली आयोजित करना संभव नहीं होगा. 

क्यों आया ये बड़ा आदेश? 

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पेश एक मामले में एक आरोपी ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस ने उससे उसकी जाति पूछी और अनुचित व्यवहार किया. माननीय न्यायालय ने माना कि किसी भी व्यक्ति से उसकी जाति पूछना संविधान में व्यक्ति के गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार के अनुकूल नहीं है. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को इस तरह के भेदभाव को समाप्त करने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया. आदेश के अनुपालन में यूपी के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने 21 सितंबर 2025 को एक आदेश जारी कर सभी पुलिसिया कार्रवाई में जातिगत पूछताछ करना समाप्त करने का आदेश दिया. 

‘मारीच की तरह आया और पुलिस ने…’, दिशा पाटनी के घर फायरिंग मामले पर गरजे CM योगी, अपराधियों में मचा हड़कंप!

Advertisement